टैक्स बचाने के विषय पर बात करें तो कई तरीके सामने आते हैं, लेकिन एक तरीका जो बेहद दिलचस्प है, वो है आपकी पत्नी के अकाउंट का सही इस्तेमाल करना। इसे लेकर लोगों के बीच कई भ्रांतियां हैं। सही जानकारी आवश्यक है ताकि इसका पूरा लाभ उठाया जा सके।
कैसे काम करता है यह तरीका?
पत्नी के अकाउंट में पैसा डालकर टैक्स बचाने का तरीका ‘क्लबिंग प्रावधान’ के अंतर्गत आता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 60 से 64 तक, अगर आप अपनी पत्नी के अकाउंट में पैसा जमा करते हैं और उससे कोई इनकम होती है (जैसे कि ब्याज, किराया, डिविडेंड), तो उस इनकम को आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स लगता है।
गिफ्ट टैक्स पर छूट
अगर आप अपनी पत्नी को कोई पैसा गिफ्ट करते हैं, तो उस पर कोई गिफ्ट टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, इससे होने वाली आय क्लबिंग प्रावधान के तहत आपकी इनकम में जोड़ी जा सकती है।
निवेश से टैक्स बचाने के तरीके
अगर आपकी पत्नी की इनकम कम या नहीं है, तो आप उनके नाम पर निवेश कर सकते हैं जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, म्यूचुअल फंड, या PPF। इससे इनकम पर कम टैक्स लगेगा।
HRA के जरिए टैक्स बचाएं
अगर आपका घर पत्नी के नाम पर है, तो आप उन्हें किराया देकर HRA का फायदा ले सकते हैं। इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगी और टैक्स छूट क्लेम कर पाएंगे।
लोन के जरिए बचत
गिफ्ट के बजाय अगर आप अपनी पत्नी को कम ब्याज पर लोन देते हैं, तो इससे इनकम क्लबिंग नहीं होगी। ध्यान रखें कि सभी लेन-देन डॉक्यूमेंटेड हों।
सेविंग अकाउंट में पैसा ट्रांसफर
पत्नी के सेविंग अकाउंट में पैसा जमा करके आप उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं। सेविंग अकाउंट के ब्याज पर ₹10,000 तक की आयकर छूट मिलती है।
क्या करना चाहिए?
पत्नी के नाम पर निवेश करें जिससे मिलने वाली इनकम पर कम टैक्स लगे। क्लबिंग प्रावधान का सही तरीके से इस्तेमाल करें। HRA के जरिए टैक्स बचाने की कोशिश करें।
क्या नहीं करना चाहिए?
टैक्स की नजर में गलत जानकारी न दें। क्लबिंग प्रावधानों को नजरअंदाज न करें। बिना समझे कोई फाइनेंशियल डिसीजन न लें।
कैसे बचा सकते हैं टैक्स?
- पहला तरीका- जिनकी शादी होने वाली है, वो शादी के पहले अपनी होने वाली पत्नी के नाम पर कोई भी संपत्ति या गिफ्ट करेंगे तो वो क्लबिंग ऑफ इनकम के प्रावधान के तहत नहीं आएगा।
- दूसरा तरीका- अगर आप अपनी पत्नी को खर्चों के लिए पैसे देते हैं और वो उनसे बचत करती हैं, तो उसे भी आपकी इनकम में नहीं जोड़ा जाएगा।
- तीसरा तरीका- आप हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए भी टैक्स सेविंग कर सकते हैं। सेक्शन 80D के तहत आप परिवार के नाम पर हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 25,000 रुपए तक बचा सकते हैं।
- चौथा तरीका- आप अपनी पत्नी को गिफ्ट की बजाय पैसे लोन देकर भी टैक्स बचा सकते हैं, आप उन्हें कम ब्याज पर लोन दे सकते हैं, बस आपको ये लोन देने से लेकर, इंटरेस्ट लेने तक सबकुछ डॉक्यूमेंटेड रखना चाहिए, इससे आप दोनों की इनकम क्लब नहीं होगी, और आपकी टैक्स लायबिलिटी घटेगी।
- पांचवां तरीका- आप निवेश के लिए जॉइंट अकाउंट भी खोल सकते हैं, बस प्राइमरी होल्डर वो होना चाहिए, जिसकी टैक्स लायबिलिटी कम है, क्योंकि जॉइंट अकाउंट में ब्याज पर टैक्स लायबिलिटी प्राइमरी होल्डर के हाथों बनती है।