बैंक में लेन-देन और इनकम टैक्स के नए नियमों में बदलावों की जानकारी देना हमारी जिम्मेदारी है ताकि आप आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें। समय के साथ, बैंकिंग प्रणाली में कई डिजिटल सुधार हुए हैं जिन्हें सरकार प्रोत्साहित कर रही है। अब, आपको नकद की ज़रूरत नहीं पड़ती अगर आप UPI जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हैं। इस बीच, सरकार ने इनकम टैक्स के नियमों में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं, जो आपको जानना जरूरी है।
अब बैंक में कैश जमा करना पहले जैसा सस्ता नहीं रह गया है। इनकम टैक्स के नए नियमों के अनुसार, अगर आप बड़े पैमाने पर नकदी जमा करते हैं और उसके स्रोत की जानकारी नहीं देते, तो आपको 60 प्रतिशत तक टैक्स चुकाना पड़ सकता है। यानी, अगर आप अपने बैंक खाते में धनराशि जमा कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप उसके सोर्स की पूरी और साफ जानकारी दें। अन्यथा, भारी-भरकम टैक्स की मार झेलनी पड़ सकती है।
अगर आप नकदी के सोर्स की जानकारी नहीं दे पाते हैं, तो आयकर विभाग के संभावित नोटिस और टैक्स वसूली के लिए तैयार रहना होगा। इसमें 25 प्रतिशत सरचार्ज और 4 प्रतिशत सेस भी शामिल हो सकता है। ये सख्त उपाय उन धन राशियों के खिलाफ हैं जिनका स्रोत स्पष्ट नहीं होता, ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी जैसी अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
अब सवाल यह उठता है कि कितनी राशि जमा करने पर आपको अपने कैश का सोर्स बताना होगा। यदि आप बैंक में 10 लाख रुपए या इससे अधिक राशि नकद जमा कर रहे हैं, तो उसका स्रोत स्पष्ट करना होगा। जबकि, चालू खाता धारकों के लिए यह सीमा 50 लाख रुपए रखी गई है ताकि कारोबारियों को उनके व्यापारिक लेन-देन में सुविधा हो।