किसी भी तरह अपनी जीविका चलाने में लगे हुए हैं लोग
कोरोना महामारी के कारण आम से लेकर खास जनजीवन भी अस्त व्यस्त हो चुका है। हालांकि वैक्सीन अा जाने के बाद जिंदगी पटरी पर आ जाने की संभावना थी, लेकिन अभी भी ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है। सभी लोग किसी भी तरह अपनी जीविका चलाने में लगे हुए हैं।
गरीब तबके के लोगों को अपनी जिंदगी वापस पटरी पर लाने के लिए दशक का समय लग सकता है
इसी बीच ऑक्सफैम में की गई एक शोध सामने आई है। जिसकी आंकड़े डराने आने वाले हैं। कोरोना महामारी से पहले हर देश अमीरी और गरीबी के बीच फासला मिटाने में जुटा हुआ था।
लेकिन महामारी के बाद यह फासला और भी ज्यादा गहरा होता हुआ दिख रहा है। इस शोध में कहा गया है कि गरीब तबके के लोगों को अपनी जिंदगी वापस पटरी पर लाने के लिए दशक का समय लग सकता है। वही अमीर तबके के लोगों को कोरोना महामारी के दौरान हुए नुकसान की भरपाई में सिर्फ 9 महीने का समय लगेगा।
अगले 3 सालों में गरीबी बर्दाश्त से बाहर हो जाएगी
बताते चलें कि Billionaires की सम्पत्ति 18 मार्च से 31 दिसंबर 2020 के बीच $3.9 trillion बढ़ी है। साथ ही वर्ल्ड बैंक ने यह भी कहा है कि अगर इस अमीरी और गरीबी की खाई को भरने की कोशिश जल्द ही ना कि कहीं तो अगले 3 सालों में गरीबी बर्दाश्त से बाहर हो जाएगी।
वह घर बैठे काम बिल्कुल भी नहीं कर सकते
इसके अलावा यह भी बात सामने आई है कि गरीब तबके के लोगों में कोरोना होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वह भीड़भाड़ वाले इलाके में रहते हैं और उनके रोजगार भी कुछ इस तरह के होते हैं कि वह घर बैठे काम बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं।