महाराष्ट्र के न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए 122 करोड़ के घोटाले के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उस पर 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया। ये खबर उन लाखों लोगों के लिए झटका थी, जिनका पैसा कोऑपरेटिव बैंकों (UCBs) में जमा है।
अब सवाल ये उठता है—क्या आपका बैंक भी रिस्क में है?
अगर आपका पैसा किसी कोऑपरेटिव बैंक में रखा है, तो घबराने की जरूरत नहीं। बस ये 5 इंडिकेटर चेक करें और तुरंत बैंक की सेहत का अंदाजा लगाएं.
1. बैंक का पूंजी-पर्याप्तता अनुपात (CRAR) – बैंक कितना मजबूत है?
CRAR यानी Capital to Risk-Weighted Assets Ratio, ये बताता है कि बैंक के पास कितनी पूंजी है और वो संकट के समय कितना टिक सकता है।
👉 अगर आपका बैंक 12% से नीचे है, तो खतरे की घंटी बज चुकी है।
👉 9.5% से कम CRAR होने पर RBI उसे वॉर्निंग देता है, और अगर सुधार नहीं हुआ तो पाबंदियां लगा सकता है।
📌 मार्च 2024 तक, 2 कोऑपरेटिव बैंकों का CRAR बेहद खराब था और 4 बैंकों का 12% से नीचे था।

2. बैंक का NPA कितना है? – लोन वापसी सही से हो रही है या नहीं?
NPA यानी Non-Performing Assets, जो बताता है कि बैंक ने जितने लोन दिए, उनमें से कितने डूब चुके हैं।
👉 अगर NPA 6% से ऊपर चला गया, तो बैंक के लिए खतरा बढ़ जाता है।
👉 9% से ऊपर का NPA यानी बैंक के दिवालिया होने का खतरा!
📌 सितंबर 2024 तक, UCBs का औसत NPA 9.6% था, जो एक साल पहले 10.9% था।
3. लगातार दो साल घाटे में – बैंक डूबने की कगार पर?
अगर कोई बैंक लगातार दो साल तक घाटे में चलता है, तो RBI उसे “कमजोर बैंक” मानकर खास निगरानी में ले लेता है।
👉 इसका मतलब है कि बैंक के पास इतना पैसा भी नहीं बचा कि वह अपने खर्च पूरे कर सके!
📌 RBI ने 2023-24 में 24 कोऑपरेटिव बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए क्योंकि वे लंबे समय से घाटे में थे।
4. बैंक पर कोई प्रतिबंध तो नहीं लगा?
अगर किसी बैंक पर निकासी (Withdrawal) लिमिट लगाई गई हो, तो समझ जाइए कि बैंक खतरे में है!
👉 अक्सर RBI सबसे पहले निकासी पर पाबंदी लगाता है और फिर धीरे-धीरे बैंक के लाइसेंस कैंसिल कर देता है।
📌 न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के साथ भी यही हुआ—पहले कुछ पाबंदियां लगीं और फिर मामला बड़ा घोटाला बन गया।
5. बैंक का पिछला रिकॉर्ड – क्या आपका बैंक भरोसेमंद है?
👉 क्या बैंक का कोई घोटाले का इतिहास है?
👉 क्या बैंक पहले से RBI की PCA (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) लिस्ट में था?
👉 क्या बैंक अचानक से भारी ब्याज दर ऑफर कर रहा है?
📌 अक्सर जो बैंक खराब स्थिति में होते हैं, वे बचने के लिए हाई इंटरेस्ट देना शुरू कर देते हैं। ऐसे ऑफर्स से बचें!
अब सवाल – अगर आपका बैंक रिस्की है, तो क्या करें?
1️⃣ सबसे पहले बैंक की आधिकारिक रिपोर्ट देखें (RBI की वेबसाइट पर)।
2️⃣ अगर बैंक कमजोर दिख रहा है, तो धीरे-धीरे अपनी जमा राशि निकालना शुरू करें।
3️⃣ बचत खाते और फिक्स्ड डिपॉजिट को मजबूत सरकारी या प्राइवेट बैंकों में शिफ्ट करें।
4️⃣ अगर बैंक पर पाबंदी लग चुकी है, तो DICGC बीमा (5 लाख तक) क्लेम करने की प्रक्रिया शुरू करें।
5️⃣ हमेशा बैंक की पूंजी और NPA पर नजर रखें!
अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का हाल (मार्च 2024 तक)
| कैटेगरी | डेटा |
|---|---|
| कुल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक (UCBs) | 1,472 |
| बैंकों में कुल जमा राशि | ₹5,55,469 करोड़ |
| बैंकों द्वारा दिया गया कुल लोन (Advances) | ₹3,46,903 करोड़ |
| Scheduled UCBs की संख्या | 49 |
| बैंकों का औसत CRAR | 12%+ (टॉप 25% बैंकों का) |
| CRAR 12% से नीचे बैंकों की संख्या | 6 |
| औसत NPA अनुपात | 9.6% |
| पिछले साल रद्द हुए लाइसेंस | 24 |
| 2015-2024 में कुल रद्द हुए बैंक लाइसेंस | 70 |
अगर आपका पैसा किसी अर्बन कोऑपरेटिव बैंक (UCB) में जमा है, तो इसे एक बार जरूर चेक करें। बैंकों के घोटाले, खराब वित्तीय स्थिति और RBI की सख्ती के चलते लोगों का भरोसा कोऑपरेटिव बैंकों पर घट रहा है।
अब आपको तय करना है—क्या आपका बैंक सुरक्षित है, या आपको कोई बेहतर विकल्प ढूंढना चाहिए?





