पिछले हफ्ते, तमिलनाडु के मदुरै जिले में शोलावंदन के पास बैंक ऑफ बड़ौदा के असिस्टेंट मैनेजर गणेश को 560 ग्राम सोने की चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह चोरी बैंक की ऑडिट में पकड़ी गई, जहां 9 पैकेट सोना गायब पाया गया।
लेकिन अगर गणेश को छोटा खिलाड़ी माना जाए, तो मधु जयकुमार नाम का बैंक मैनेजर उससे कहीं बड़ा खेल खेल चुका था। जयकुमार, जो बैंक ऑफ महाराष्ट्र के वडकरा ब्रांच में तीन साल तक मैनेजर था, जब कोच्चि ट्रांसफर हुआ और नए मैनेजर ने जांच की, तो 26 किलो नकली सोना पकड़ा गया, जिसकी कीमत करीब 17 करोड़ रुपये थी।
गोल्ड लोन में बैंक कैसे फंस रहे हैं?
यह केवल दो घटनाएँ नहीं हैं। इंटरनेट पर थोड़ा खोजने पर ही SBI, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, ICICI बैंक जैसे बड़े बैंक भी ऐसे घोटालों के शिकार मिलते हैं। आमतौर पर बैंक कर्मचारी, ज्वेल असेसर या जूनियर स्टाफ इस घोटाले में शामिल होते हैं, जो चोरी किए गए सोने से ऑनलाइन जुआ या स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने जैसी हरकतें करते हैं।
बैंक के ऊपर से लेकर नीचे तक गड़बड़ी
- भारत में गोल्ड लोन का कारोबार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है।
- 2024 के अंत तक बैंकों का कुल गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 1.7 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया, जो पहले से 72% ज्यादा था।
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने केवल 2 साल में अपना गोल्ड लोन कारोबार 140 करोड़ से 2200 करोड़ रुपये तक बढ़ा लिया।
- इसका सबसे ज्यादा असर दक्षिण भारत, खासकर केरल में पड़ा, जहां बैंक ने आक्रामक तरीके से 40 से अधिक शाखाएँ खोलीं।

कैसे हुआ वडकरा घोटाला?
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र की वडकरा ब्रांच 2021 में शुरू हुई और 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार कर लिया।
- बैंक ने चथम कंदाथिल फाइनेंस नाम की एक प्राइवेट फाइनेंसर कंपनी से सोना लेकर उसे लोन के तौर पर इस्तेमाल किया।
- इस कंपनी ने आम जनता के गिरवी रखे हुए सोने को दोबारा बैंक में रे-प्लेज किया।
- KYC नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए, कंपनी के कर्मचारी बैंक में कई अकाउंट खुलवाते और उन पर लोन लिया जाता।
क्या कह रही है RBI?
RBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि कई बैंकों ने गोल्ड लोन की प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की है और कर्मचारियों को रिश्वत लेकर लोन अप्रूव करने जैसे मामले सामने आए हैं।
- अगस्त 2024 की PWC रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गोल्ड लोन घोटाले में 30-35 करोड़ रुपये तक की धोखाधड़ी रिपोर्ट की गई, लेकिन असली आंकड़े इससे कई गुना ज्यादा हो सकते हैं।
- बैंकों की ऑडिट में यह भी सामने आया कि कुछ बैंकों ने नकली सोना गिरवी रखकर लोन दे दिया।
- आरबीआई ने बैंकों को गोल्ड लोन की सख्त निगरानी करने और नियमों को ठीक से लागू करने का निर्देश दिया है।
निचला कर्मचारी फंसता है, लेकिन असली जिम्मेदारी किसकी?
हर बार, जब कोई गोल्ड लोन घोटाला सामने आता है, तो नीचे के कर्मचारी गिरफ्तार होते हैं, लेकिन असली खेल बड़े स्तर पर खेला जाता है।
- वडकरा मामले में बैंक मैनेजर जयकुमार ने अपने वीडियो संदेश में आरोप लगाया कि बैंक के बड़े अधिकारी खुद इस खेल में शामिल थे।
- बैंक मैनेजमेंट का पूरा फोकस सिर्फ तेजी से बिजनेस बढ़ाने पर था, चाहे उसके लिए नियमों को तोड़ना ही क्यों न पड़े।
- RBI और सरकार गोल्ड लोन के डिफॉल्ट पर अलग-अलग आंकड़े दे रहे हैं, जिससे घोटाले की सच्चाई को छिपाने की कोशिश की जा रही है।
आगे क्या होगा?
- RBI ने बैंकों को गोल्ड लोन की प्रक्रिया को सख्त करने के लिए कहा है।
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र जैसे बैंकों की समीक्षा की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- ऐसा माना जा रहा है कि गोल्ड लोन में और बड़े घोटाले हो सकते हैं, जो अभी सामने नहीं आए हैं।
अगर बैंकिंग सिस्टम में सुधार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में और भी बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं।





