भारतीय शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिल रही है। Nifty 50 का PE (Price-to-Earnings) Ratio 20 से नीचे आ गया है, जो जुलाई 2022 के बाद पहली बार हुआ है। इसका मतलब है कि बाजार अब पहले से सस्ता हो गया है। लेकिन सवाल यह है – यह सही समय है खरीदारी करने का या गिरावट और गहरी होगी?
PE Ratio 5 साल में सिर्फ 2 बार 20 से नीचे आया
पिछले 5 सालों में Nifty का PE Ratio सिर्फ 2 बार 20 से नीचे गिरा है:
1️⃣ रूस-यूक्रेन युद्ध के समय (मई-जुलाई 2022) – PE 18.92 तक गिरा था।
2️⃣ कोरोना संकट (मार्च 2020) – जब बाजार एक ही दिन में 13% गिरा और PE 17.15 तक चला गया था।
सितंबर 2024 में जब Nifty अपने उच्चतम स्तर पर था, तब PE 24.38 था, लेकिन तब से बाजार 16% गिर चुका है।
बाजार क्यों गिर रहा है?
👉 विदेशी निवेशकों (FIIs) की भारी बिकवाली – इस साल 2025 में FIIs ने ₹3 लाख करोड़ (13 अरब डॉलर) से ज्यादा की बिकवाली की है।
👉 अमेरिका का असर – माना जा रहा है कि अमेरिका में नई सरकार बनने के बाद नए व्यापारिक टैक्स लग सकते हैं, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार की बजाय अमेरिका को प्राथमिकता दे रहे हैं।
👉 कमजोर कमाई और ऊंचे वैल्यूएशन – कंपनियों की कमाई धीमी हो रही है, जिससे निवेशक सावधान हो गए हैं।

अब क्या निवेश करना सही रहेगा?
🔴 Kotak Institutional Equities की राय – “अभी भी बाजार में निवेश का अच्छा मौका नहीं दिख रहा। गिरावट के बावजूद अभी भी ज्यादातर स्टॉक्स महंगे हैं।”
🟢 Capitalmind Research की राय – “इतिहास देखिए, हर बड़ी गिरावट (Lehman संकट, Taper Tantrum, नोटबंदी, कोरोना) बाद में जबरदस्त निवेश का मौका साबित हुई।”
Zerodha CEO नितिन कामत की सलाह – SIP बंद मत करो!
🚨 नितिन कामत ने कहा कि नए निवेशकों के लिए यह पहली बड़ी गिरावट है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं।
✔ “SIP रोकना सबसे बड़ी गलती होगी। बाजार में गिरावट और उछाल आते रहते हैं।”
✔ “हर महीने निवेश करते रहो और शॉर्ट टर्म गिरावट की चिंता मत करो।”
अब क्या करें?
✅ लॉन्ग-टर्म सोचें – इतिहास बताता है कि जो गिरावट में खरीदते हैं, वे भविष्य में मुनाफा कमाते हैं।
✅ SIP जारी रखें – हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करने वालों को बाजार की गिरावट से फायदा होता है।
✅ जल्दबाजी में फैसला न लें – बाजार में भावनाओं से नहीं, धैर्य से पैसा बनता है।





