शेयर बाजार में हाल के महीनों में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे निवेशकों का आत्मविश्वास डगमगा गया है। बाजार में 5 महीने से लगातार गिरावट जारी है, और सिर्फ फरवरी 2025 में ही सेंसेक्स 4000 अंक टूटा है। इस गिरावट का सबसे ज्यादा असर मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों पर पड़ा है।
निफ्टी 500 कंपनियों पर भारी असर
निफ्टी 500 कंपनियों में: 30% कंपनियों के शेयर 30% तक गिरे
कुछ कंपनियों में गिरावट 60% तक पहुंची
कई शेयर 52 हफ्तों के निचले स्तर पर आ चुके हैं
इससे निवेशकों में भय का माहौल बन गया है और वे ट्रेडिंग से दूरी बना रहे हैं।
ट्रेडिंग वॉल्यूम और निवेशक गतिविधियों में गिरावट
बाजार की अस्थिरता के कारण: ट्रेडिंग वॉल्यूम में 40% से अधिक गिरावट
ब्रोकरों की ट्रेडिंग एक्टिविटी में 30% कमी
11 करोड़ ट्रेडिंग अकाउंट्स में से सिर्फ 2 करोड़ ही एक्टिव
यह संकेत देता है कि निवेशकों का बाजार से मोहभंग हो रहा है, और वे सतर्क हो गए हैं।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
पिछले 6 महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगातार भारतीय शेयर बाजार से निकासी की है।
महीना | खरीदारी (₹ करोड़) | बिक्री (₹ करोड़) | नेट खरीदारी/बिक्री (₹ करोड़) |
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फरवरी 2025 | 259,256.89 | 318,244.97 | -58,988.08 |
जनवरी 2025 | 242,699.59 | 330,074.25 | -87,374.66 |
दिसंबर 2024 | 299,628.86 | 316,611.34 | -16,982.48 |
नवंबर 2024 | 306,735.44 | 352,709.56 | -45,974.12 |
अक्टूबर 2024 | 299,260.34 | 413,706.23 | -114,445.89 |
सितंबर 2024 | 391,389.27 | 378,777.48 | +12,611.79 |
बीते 3 महीनों में FIIs ने 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे हैं।
कैपिटल गेन टैक्स बढ़ने से विदेशी निवेशकों में नाराजगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2024-25 में कैपिटल गेन टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव आने के बाद: LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) कर 10% से बढ़ाकर 12.5% किया गया।
STCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन) कर 15% से बढ़ाकर 20% किया गया।
इस फैसले से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से निवेश निकालना शुरू कर दिया, जिससे बाजार की स्थिरता पर असर पड़ा है।
आगे क्या होगा? बाजार की अस्थिरता जारी रहेगी?
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, जब तक विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहेगी, तब तक बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी।
अगर सरकार कैपिटल गेन टैक्स पर पुनर्विचार करती है, तो निवेशकों का भरोसा लौट सकता है।
घरेलू निवेशकों के लिए यह गिरावट लॉन्ग टर्म में निवेश का मौका हो सकती है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
क्या करें?
निवेशकों को अच्छी कंपनियों के स्टॉक्स की वैल्यू पर ध्यान देना चाहिए।
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग से बचें और लॉन्ग टर्म निवेश पर फोकस करें।
विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और सरकार की आर्थिक नीतियों पर नजर रखें।