अमेरिकी सरकार द्वारा फेंटानाइल संकट के मुद्दे पर चीन पर लगाए गए नए टैरिफ के खिलाफ चीनी दूतावास ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा कि अमेरिका को बराबरी के स्तर पर बातचीत करनी चाहिए।
“अगर अमेरिका सच में फेंटानाइल समस्या हल करना चाहता है, तो उसे चीन के साथ समानता के आधार पर बातचीत करनी होगी। लेकिन अगर अमेरिका किसी भी तरह का युद्ध चाहता है – चाहे वह टैरिफ युद्ध हो, व्यापार युद्ध हो, या कोई और – तो हम अंत तक लड़ने के लिए तैयार हैं,” दूतावास ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
🔹 चीन ने अमेरिकी आरोपों को खारिज किया
चीनी विदेश मंत्रालय ने फेंटानाइल के मुद्दे को लेकर अमेरिका द्वारा चीनी आयात पर टैरिफ बढ़ाने के कदम को अनुचित बताया। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए यह जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
“अमेरिका खुद अपनी फेंटानाइल समस्या का जिम्मेदार है। हम तो मानवीय दृष्टिकोण और सद्भावना के तहत मदद कर रहे थे, लेकिन इसके बदले अमेरिका हमें ही दोषी ठहराने की कोशिश कर रहा है। टैरिफ बढ़ाकर हमें ब्लैकमेल किया जा रहा है। इससे अमेरिका की समस्या हल नहीं होगी, बल्कि हमारी नारकोटिक्स (मादक पदार्थ) रोकथाम से जुड़ी बातचीत और सहयोग कमजोर होगा,” बयान में कहा गया।

🔹 अमेरिका ने चीनी सामान पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया
ट्रंप प्रशासन ने पहले से लागू 10% टैरिफ के ऊपर अतिरिक्त 10% टैरिफ लागू कर दिया है, जिससे चीनी वस्तुओं के आयात पर कुल 20% टैरिफ हो गया है।
✅ टैरिफ मंगलवार से प्रभावी हो गए हैं
✅ कनाडा और मैक्सिको पर भी समान टैरिफ लगाए गए हैं
✅ ट्रेड वॉर के कारण महंगाई और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की संभावना
अमेरिका ने यह कदम उठाया क्योंकि ट्रंप प्रशासन का मानना है कि चीन, कनाडा और मैक्सिको फेंटानाइल और उसके कच्चे माल की आपूर्ति को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे हैं।
🔹 टैरिफ युद्ध और बढ़ सकता है
अमेरिकी कांग्रेस में बोलते हुए, ट्रंप ने 2 अप्रैल से और भी टैरिफ लगाने की घोषणा की। इसमें “रिसीप्रोकल टैरिफ” (जैसे को तैसा टैरिफ) और नॉन-टैरिफ उपाय भी शामिल होंगे।
“दूसरे देश दशकों से अमेरिका पर टैरिफ लगाते रहे हैं। अब हमारी बारी है,” ट्रंप ने कहा।
➡️ भारत, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय यूनियन और चीन जैसे देशों द्वारा अमेरिकी सामानों पर अधिक टैरिफ लगाए जाने का भी ट्रंप ने जिक्र किया।
🔹 इस विवाद का असर क्या हो सकता है?
📉 अमेरिका-चीन व्यापार पर असर – $2.2 ट्रिलियन की वार्षिक ट्रेड प्रभावित
💰 अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए महंगे उत्पाद – बढ़ी हुई महंगाई
⚖️ अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अस्थिरता – वैश्विक बाजारों पर असर
🔴 चीन का कड़ा रुख – भविष्य में जवाबी कार्रवाई की संभावना
अभी के हालात को देखते हुए, अमेरिका और चीन के बीच यह ट्रेड वॉर और गंभीर रूप ले सकता है। अब देखना होगा कि चीन इस पर क्या जवाबी कदम उठाता है और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर इसका क्या असर पड़ता है।




