उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले के जोशीमठ में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर (Nanddevi Glacier) के एक हिस्से के टूट जाने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई और पारिस्थितिकीय रूप से नाजुक हिमालय के हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के एक प्रवक्ता ने तपोवन-रेनी में एक विद्युत परियोजना प्रभारी को उद्धृत करते हुए कहा कि परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों की मौत हो चुकी है और लगभग इतने ही लोग लापता हैं।
आईटीबीपी डीजी एसएस देसवाल का कहना है कि ऐसा माना जा रहा है कि निर्माणस्थल पर करीब 100 वर्कर थे। जिनमें से 9-10 के शव नदी से मिले हैं। तलाशी अभियान जारी है। फिलहाल यहां 250 आईटीबीपी जवान बचाव कार्य में लगे हैं। भारतीय सेना की टीम भी जल्द ही पहुंच रही है।
A disaster has been reported from Chamoli district. The district administration, police and disaster management departments have been directed to deal with the situation. Do not pay attention to any kind of rumours. Govt is taking all necessary steps: Uttarakhand CM TS Rawat
— ANI (@ANI) February 7, 2021
राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कहा कि बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है। पहाड़ों के किनारे पानी के तेज बहाव में आने से रास्ते में आने वाले घर भी बह गए। अधिक आबादी वाले क्षेत्रों सहित नीचे की ओर स्थित मानव बस्तियों में नुकसान होने की आशंका है। कई गांवों को खाली कराया गया है और लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाया गया है।
राहत और बचाव कार्यो में एनडीआरएफ
आईटीबीपी के एक प्रवक्ता ने कहा कि रेनी गांव के पास एक पुल ढहने के कारण कुछ सीमा चौकियों के साथ सम्पर्क ”पूरी तरह से टूट” गया है। पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून सहित कई जिलों के प्रभावित होने की आशंका है और इन जिलों को हाई अलर्ट पर रखने के साथ ही आईटीबीपी और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को राहत और बचाव कार्यो में लगाया गया है।
#WATCH| Uttarakhand: ITBP personnel approach the tunnel near Tapovan dam in Chamoli to rescue 16-17 people who are trapped.
(Video Source: ITBP) pic.twitter.com/DZ09zaubhz
— ANI (@ANI) February 7, 2021
राष्ट्रपति कोविंद ने गहरी चिंता व्यक्त की
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों की सुरक्षा की कामना की। राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, ”उत्तराखंड में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के करण क्षेत्र में हुए नुकसान को लेकर काफी चिंतित हूं। लोगों की सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं।” उन्होंने कहा, ”पूरा विश्वास है कि वहां राहत एवं बचाव कार्य अच्छे ढंग से चल रहा होगा।”
लगातार निगरानी कर रहा पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”मैं उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है, सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है।” इससे पहले दिन में खबर आयी थी कि ऋषि गंगा पर परियोजना में लगे 150 मजदूर प्रभावित हुए हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने कहा, ”बिजली परियोजना के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि वे परियोजना स्थल पर अपने लगभग 150 कर्मियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।”