भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने गोल्ड लोन को लेकर नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया है, जिसमें कई सख्त प्रावधान शामिल हैं। वहीं, वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि ₹2 लाख से कम के गोल्ड लोन पर ये सख्त नियम लागू न हों, ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को संस्थागत कर्ज आसानी से मिल सके।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी इन नियमों पर आपत्ति जताई है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर छोटे कर्जदारों को राहत देने की मांग की है।
गोल्ड लोन में क्यों कर रहा है RBI बदलाव?
देश में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं—24 कैरेट सोना ₹95,760 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट ₹87,780 तक पहुंच चुका है। ऐसे में सोने पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ-साथ गोल्ड लोन NPA (बदला न जाने वाला कर्ज) भी बढ़ रहे हैं।
वर्ष 2024 के अंत तक बैंकों ने ₹2,040 करोड़ और वित्तीय कंपनियों ने ₹4,784 करोड़ के गोल्ड लोन NPA दर्ज किए हैं।
इस बढ़ते जोखिम और गड़बड़ियों को रोकने के लिए RBI ने गोल्ड लोन के लिए स्पष्ट दिशानिर्देशों की जरूरत बताई है।

नए नियमों की मुख्य बातें:
🔹 सिर्फ गोल्ड ज्वेलरी और बैंक-अनुमोदित गोल्ड सिक्कों पर लोन
अब गोल्ड लोन सिर्फ आभूषण (ज्वेलरी) और बैंक द्वारा जारी किए गए सोने के सिक्कों के आधार पर मिलेगा। गोल्ड बार, बुलियन, इनगोट्स आदि को गिरवी रखने की अनुमति नहीं होगी।
🔹 LTV रेशियो 75% से अधिक नहीं
“Loan to Value (LTV) रेशियो अधिकतम 75% तक सीमित रहेगा। यानी अगर सोने की वैल्यू ₹1 लाख है, तो उस पर अधिकतम ₹75,000 का लोन मिलेगा।
🔹 22 कैरेट के आधार पर सोने का मूल्यांकन अनिवार्य
सोने की शुद्धता का परीक्षण केवल प्रमाणित विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा।
-
22 कैरेट से कम शुद्धता के सोने को उसी के अनुसार मूल्यांकित किया जाएगा।
-
मूल्य निर्धारण के लिए या तो 30 दिनों का औसत मूल्य या एक दिन पहले का भाव, जो भी कम हो, उसे आधार माना जाएगा।
🔹 बिल नहीं तो स्वघोषणा पत्र जरूरी
अगर ज्वेलरी का मूल बिल उपलब्ध नहीं है, तो कर्जदार को घोषणा पत्र देना होगा, जिसमें यह स्पष्ट करना होगा कि वह आभूषण का मालिक है।
🔹 लोन के उपयोग पर निगरानी
-
खपत के लिए लिए गए लोन (जैसे मेडिकल खर्च, शादी, आदि) के लिए नियम सख्त होंगे।
-
आय उत्पन्न करने वाले लोन (जैसे कृषि, व्यापार) के लिए उपयोग की निगरानी बैंक करेगा।
-
खपत के लिए बुलेट लोन (जिसमें एकमुश्त मूलधन और ब्याज चुकता होता है) की अवधि अधिकतम 12 महीने होगी।
कितना सोना या चांदी गिरवी रख सकते हैं?
-
गोल्ड ज्वेलरी/सिक्के: अधिकतम 1 किलोग्राम तक
-
गोल्ड सिक्के: अधिकतम 50 ग्राम
-
सिल्वर ज्वेलरी/सिक्के: अधिकतम 500 ग्राम
यह सीमा इसलिए तय की गई है ताकि लोन राशि एक ही ग्राहक के एक ही एसेट में ज़्यादा न फंसी रहे और मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनाएं कम हों।
पुनः गिरवी रखा गया सोना मान्य नहीं
एक ही सोने के आधार पर नया लोन तभी मिलेगा जब पहला लोन और उसका ब्याज पूरी तरह चुका दिया गया हो। यानी री-प्लेजिंग की अनुमति नहीं होगी।
नए नियम 1 जनवरी 2026 से लागू करने की सिफारिश
वित्त मंत्रालय ने सुझाव दिया है कि इन नियमों को 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाए, ताकि बैंक और कर्जदाता संस्थाएं बदलावों के लिए तैयार हो सकें।




