इजरायल और ईरान के बीच तनाव का माहौल जारी है. ऐसे में यूएई के प्रवासी यात्री जो आर्मेनिया, अज़रबैजान, कजाखस्तान जैसे कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (CIS) देशों में यात्रा कर रहे थे, उन्हें अब यूएई वापस लौटने के लिए हजारों रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं. क्षेत्रीय तनावों के चलते बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द कर दी गईं या उनका रूट बदल दिया गया, जिससे इन देशों में छुट्टियां मना रहे कई लोग अचानक असमंजस में पड़ गए और उन्हें महंगी लास्ट-मिनट बुकिंग्स का सहारा लेना पड़ा.
1986 से यूएई में रह रहे शारजाह में रहने वाले एक फ़ैसिलिटी मैनेजमेंट प्रोफ़ेशनल लिमनाज़ मुस्तफा ने कहा कि अगर मुझे पता होता कि ऐसा कुछ होने वाला है, तो मैं उनका ट्रिप ही रद्द कर देता. उनके छह सदस्यीय परिवार की फ्लाइट (एयर अरेबिया अबू धाबी) 12 जून को बाकू पहुंची थी. लेकिन अगले ही दिन स्थिति पूरी तरह बदल गई — एयर इंडिया की दुर्घटना और क्षेत्रीय तनाव की शुरुआत के बाद उड़ानों पर रोक लग गई और कई फ्लाइट्स कैंसिल हो गई.
हजारों रूपयों का हो रहा है नुकसान
मुस्तफा ने बताया कि शाम होते-होते हमें पता चला कि सभी उड़ानें बंद हो गई हैं. अब हम वापस कैसे जाएं? रूट की जानकारी के लिए कॉल सेंटर्स से संपर्क करने की बहुत कोशिश की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी. 15 जून तक हालात और बिगड़ गए और उनकी सभी मूल फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं. परिवार में एक बच्चा भी शामिल था और उन्हें मजबूरी में तुर्कीश एयरलाइंस की नई टिकटों पर कम से कम 6,000 दिरहम खर्च करने पड़े, जबकि पहले ही 3,800 दिरहम की टिकट बुक की जा चुकी थी. एयरफेयर में अचानक से बड़ा उछाल आया है.
इसी तरह 43 वर्षीय कमरुद्दीन अरक्कल को भी भारी तनाव का सामना करना पड़ा जब उनका 25 वर्षीय बेटा रेयान, जो बर्मिंघम में पढ़ाई कर रहा है, ताशकंद (उज़्बेकिस्तान) में फंस गया. अरक्कल ने कहा रेयान एक फ़ुटबॉल कैंप में भाग लेने के लिए गया था और उसे पिछले शुक्रवार को वापस लौटना था. ये सब अचानक से हो गया. उन्होंने किसी तरह कतर एयरवेज के ज़रिए अपने बेटे की वापसी की व्यवस्था की, जिसके लिए उन्हें लगभग $1,000 (करीब 3,670 दिरहम) खर्च करने पड़े — जबकि उसकी मूल वापसी टिकट केवल 500 दिरहम की थी.
फ्लाइट्स को बदलना पड़ा रूट
स्थिति को देखते हुए यूएई की ट्रैवल एजेंसियों को अपने ग्राहकों के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करनी पड़ी. Musafir.com के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) रहीश बाबू ने पुष्टि की कि CIS देशों से यूएई के लिए सीधी उड़ानें सीमित थीं, जिससे कई पर्यटकों को इस्तांबुल या दोहा जैसे रूटों का सहारा लेना पड़ा ताकि वे संवेदनशील हवाई क्षेत्रों से बच सकें. उन्होंने यह भी बताया कि ईद के बाद कम किराए के कारण इन गंतव्यों की मांग में भारी इजाफा हुआ था, जिससे ज़्यादा लोग प्रभावित हुए. Musafir के करीब 20 यात्रियों को अब वैकल्पिक रूट बुक करने पड़ रहे हैं.
Smart Travels के चेयरमैन अफ़ी अहमद ने कहा कि वर्तमान में कई फंसे हुए यात्री—खासकर यूएई के पर्यटक—आर्मेनिया और अज़रबैजान जैसे देशों में हैं, जबकि कुछ ईरान में भी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि शुक्र है कि ईद के तुरंत बाद लौटने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा नहीं थी, क्योंकि मांग में कुछ गिरावट आई थी. जब तक ज़रूरी न हो, लोग फिलहाल यात्रा नहीं करना चाहते.
रिरूटिंग कैसे की जाती है?
GCC (खाड़ी सहयोग परिषद) की एयरलाइंस, विशेष रूप से, अपनी पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों (यूरोप और उत्तरी अमेरिका की ओर) को मिस्र और भूमध्य सागर के ऊपर से मोड़ सकती हैं. इसी तरह, पूर्व की ओर जाने वाली उड़ानों को ओमान और अरब सागर के ऊपर से ले जाया जा सकता है. हालांकि, इस प्रक्रिया से यात्रा की अवधि ज़रूर बढ़ जाती है, क्योंकि फ्लाइट्स को सीधे रास्ते की जगह लंबा रास्ता लेना पड़ता है.




