भारत में किसान आंदोलन महीने भर से ऊपर हो चुके हैं और चल रहा है. किसानों का कहना है कि वह सरकार से बस एमएसपी की गारंटी चाहती हैं लेकिन सरकार इसे देने में तैयार नहीं हो रही है.
सरकार चाहती है कि उसके द्वारा बनाए गए कानून किसान अपना ले वही किसानों का कहना है कि कानून हर तरीके से खेतों को कॉर्पोरेट कर देगा और एक आम आदमी के लिए फिर मंडियों का बुनियाद खत्म हो जाएगा.
सबसे बेशर्म बात तो यह आई सामने.
जब सरकार से पूछा गया कि किसान आंदोलन में कितने आंदोलनकारियों का देहांत हो गया है तो सरकार ने बड़ी बेशर्मी से कहा है कि उसके पास ऐसी कोई आंकड़े नहीं है.
यह आंकड़े ना होना किस तरीके से सरकारी बाहसिपन साफ दिख रहा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अब तक दर्जनों से ज्यादा किसान इस आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं और सरकार क्योंकि इस आंदोलन को सपोर्ट नहीं करती इस आंदोलन के किसी भी देहांत हुए व्यक्ति का रिकॉर्ड नहीं रख रही है.