दुबई में आयोजित न्यूज9 ग्लोबल समिट में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) स्वामीनारायण संस्था के पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामीजी पहुंचे. इस दौरान यूएई की जमकर प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि यूएई शांति और एकता का सच्चा प्रतीक है. यूएई: शांति और सद्भाव का एक उदाहरण” शीर्षक वाले एक विशेष सत्र में ब्रह्मविहारी स्वामीजी ने कहा कि इस दुनिया में हमारी मानवता के सामंजस्यपूर्ण बने रहने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता.
यूएई ने दिखाया है कि सहिष्णुता और प्रेम के साथ जीने का क्या मतलब
स्वामी जी ने नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और व्यापार जगत के नेताओं के बीच कहा कि भले ही तकनीक और व्यापार आगे बढ़ रहे हों, लेकिन सद्भाव और सह-अस्तित्व की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है. उन्होंने कहा, यूएई सद्भाव का केंद्र बन गया है. ऐसे समय में जब देश विभाजित हो रहे हैं और धर्म आपस में सिमट रहे हैं, यूएई ने दिखाया है कि सहिष्णुता और प्रेम के साथ जीने का क्या मतलब है.’
200 से ज्यादा राष्ट्रीयताओं को एक साथ लाने के लिए यूएई की प्रशंसा की
ब्रह्मविहारी स्वामीजी ने कहा कि मजबूत समाज या व्यवसाय के निर्माण में वित्तीय पूंजी जितनी ही महत्वपूर्ण मानव पूंजी है. उन्होंने 200 से ज्यादा राष्ट्रीयताओं को एक साथ लाने के लिए यूएई की प्रशंसा की, जिससे अलग-अलग धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों को सम्मान और समानता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मौका मिला. उन्होंने 2018 का अपना अनुभव साझा किया, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद के सामने हिंदू मंदिर बनाने का विचार पेश किया था. स्वामीजी ने कहा, मैंने उन्हें दो विकल्प दिखाए, एक साधारण इमारत और एक पारंपरिक पत्थर का मंदिर. महामहिम ने जवाब दिया, अगर यह मंदिर है, तो यह मंदिर जैसा दिखना चाहिए. मैं आऊंगा. मेरे बच्चे और नाती-नातिन आयेंगे.
अबू धाबी में मंदिर भारत की विविधता और यूएई के खुलेपन का प्रतीक
स्वामीजी ये भी बताया कि कैसे अबू धाबी में मंदिर भारत की विविधता और यूएई के खुलेपन का प्रतीक बन गया है, जहां एक मुस्लिम राजा ने जमीन दी, एक ईसाई कैथोलिक वास्तुकार ने डिजाइन का नेतृत्व किया. एक सिख ने प्रोजेक्ट का प्रबंधन किया, एक बौद्ध ने नींव पर काम किया और जैन और यहां तक कि गैर-धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग भी इसमें शामिल थे.
स्वामी जी ने कहा, यह मंदिर इस बात का सबूत है कि संस्कृतियां और धर्म एक साथ रह सकते हैं और एक-दूसरे को महत्व दे सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि यूएई में सद्भाव केवल महलों या नेताओं तक सीमित नहीं है, यह सड़कों पर, रोजमर्रा की बातचीत में और लोगों द्वारा एक-दूसरे के प्रति दिखाए जाने वाले सम्मान में भी महसूस किया जाता है.
दुबई में प्रतिष्ठित ताज बिजनेस बे में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत और यूएई के प्रमुख मंत्री, नीति निर्माता और उद्योग जगत के नेता एक साथ आए. इस कार्यक्रम का व्यापक विषय था “भारत-यूएई: पार्टनरशिप फॉर प्रोस्पेरिटी एंड प्रोग्रेस.” दुबई में आयोजित हुए इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना था.




