यूपी के सुल्तानपुर के रहने वाले एक समाजिक कार्यकर्ता अब्दुल हक की मदद से एक भारतीय कामगार का शव 35 दिनों के बाद सऊदी अरब से भारत लाया गया. यूपी के जौनपुर जिले के थाना शाहगंज के रामपुर गांव के रहने वाले 55 वर्षीय मोहनुद्दीन की संदिग्ध परिस्थितियों में सऊदी में मौत हो गई थी. मोहनुद्दीन 20 फरवरी 2025 को सऊदी की राजधानी रियाद में खेती बाड़ी का काम करने के लिए गया था.
मोहनुद्दीन का परिवार आर्थिक रूप से काफी गरीब था अच्छे भविष्य के परिवारवालों ने उसे कमाने के लिए सऊदी में भेज दिया. उसके द्वारा भेजे जा रहे पैसों से धीरे-धीरे परिवार की स्थिति में सुधार होने लगा था. लेकिन 16 मई को अचानक से मोहनुद्दीन की फोन के माध्यम से परिवार से बातचीत होनी बंद हो गई. फिर परिजनों को सऊदी अरब में रहने वाले परिचितों से पता चला कि मोहनुद्दीन की मौत हो गई. ये सुनकर पूरा परिवार पूरी तरह से टूट गया था. अब उनकी सबसे बड़ी चिंता था कि मोहनुद्दीन का शव सऊदी से जौनपुर कैसे लाया जाये ?
इसके लिए पीड़ित परिवार ने जिला सुरक्षा संगठन तहसील कादीपुर इकाई के सचिव अब्दुल हक से मुलाकात की. मृतक के बेटे समीर शेख के लिए गांव के मास्टर मेहंदी हसन ने अब्दुल हक से मदद की गुहार लगाई. पीड़ित परिवार की मदद करने के लिए आगे आए अब्दुल हक ने विदेश मंत्री को पत्र लिखा. उन्होंने रियाद स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क किया. सरकारी स्तर पर बातचीत के बाद सऊदी अरब सरकार ने जांच प्रक्रिया पूरी की गई. इसके बाद शव को भारत भेजने की अनुमति दी गई.
35 दिनों के लंबे इंतजार के बाद 22 जून को मोहनुद्दीन का पार्थिव शरीर लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचा. परिवार को अपने पिता का अंतिम दर्शन करने का मौका मिला. आसपास के क्षेत्र के लोगों ने इस नेक कार्य के लिए अब्दुल हक की जमकर प्रशंसा की.




