सऊदी अरब में अब पहले से कहीं ज़्यादा महिलाएं काम करने लगी हैं। जहां पहले केवल 17 प्रतिशत महिलाएं ही कामकाजी थीं लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 36% हो गई है। यह बढ़त Vision 2030 नाम की सरकारी योजना के लक्ष्य से भी आगे निकल गई है।
यह बदलाव इसलिए भी खास है क्योंकि अब महिलाएं उन क्षेत्रों में भी काम कर रही हैं जहां पहले केवल पुरुषों का दबदबा था। नई तकनीक, ऑनलाइन काम और छोटे बिज़नेस के ज़रिए महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। सरकार की नई नीतियों और समाज के बदलते सोच की वजह से यह संभव हो पाया है। खास बात यह भी है कि 15 से 24 साल की युवा लड़कियों की नौकरी में भागीदारी भी अब 18% तक पहुंच गई है।
सऊदी अरब में महिलाओं की नौकरी में ज़बरदस्त बढ़ोतरी
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महिलाओं की भागीदारी
सऊदी अरब में अब 36.2% महिलाएं कामकाजी हैं (Q3 2024), जबकि Vision 2030 की शुरुआत में यह संख्या सिर्फ 17% थी।
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युवतियों की भागीदारी
15 से 24 साल की उम्र की लड़कियों की नौकरी में भागीदारी अब 18% हो चुकी है। -
सरकारी लक्ष्य से आगे
Vision 2030 का लक्ष्य था कि 2030 तक महिला भागीदारी 30% हो, लेकिन यह लक्ष्य समय से पहले ही पार हो गया है। अब सरकार ने नया लक्ष्य रखा है — 2030 तक 40% महिला भागीदारी। -
समाज में बदलाव
युवतियों के लगातार नौकरी में शामिल होने से यह साफ़ है कि सऊदी समाज में सोच और परंपराएं तेजी से बदल रही हैं।
निजी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और उद्यमिता (Entrepreneurship)
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महिलाएं चला रही हैं छोटे व्यवसाय
सऊदी अरब में लगभग 45% छोटे और मध्यम व्यवसाय (SMEs) महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं। यह जानकारी वित्त मंत्री अल-जदआन ने दी। -
कानूनी सुधारों से मदद
सरकार ने कई कानूनों में बदलाव किए हैं जैसे:-
वेतन समानता (wage parity)
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महिलाओं को उत्पीड़न से सुरक्षा (anti-harassment protection)
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लंबी छुट्टियां
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संरक्षकता (guardianship) नियमों में ढील
इन सबने महिलाओं को कामकाज में भाग लेने के लिए अनुकूल माहौल बनाया है।
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डिजिटल पेमेंट और वित्तीय पहुंच
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ई-कॉमर्स में बढ़ोत्तरी
“Mada” पेमेंट नेटवर्क ने 2024 में 197.4 बिलियन सऊदी रियाल (52.6 अरब डॉलर) की ऑनलाइन खरीदारी की प्रक्रिया की। यह 2023 की तुलना में 25.8% अधिक है। -
कार्ड और डिजिटल लेन-देन
अब तक 47.7 मिलियन कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 8.6 बिलियन बार NFC (contactless) ट्रांजैक्शन हुए हैं। इससे नकद लेनदेन की ज़रूरत कम हो रही है। - महिलाओं की आर्थिक आज़ादी को बढ़ावा
यह आधुनिक वित्तीय ढांचा — जिसमें POS मशीनें, ATM और मोबाइल ऐप शामिल हैं — महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रहा है।
शिक्षा और प्रशिक्षण: बदलाव के साधन
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विश्वविद्यालयों में महिलाओं की संख्या ज़्यादा
अब सऊदी अरब में 52% से अधिक विश्वविद्यालय छात्रों में महिलाएं हैं, जो कई बार पुरुषों से आगे निकल जाती हैं। -
तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण
महिलाओं को TVTC और HRDF के “Doroob” जैसे संस्थानों के माध्यम से तकनीकी व कार्यस्थल से जुड़ी ट्रेनिंग मिल रही है, जिससे वे व्यावहारिक कामों में दक्ष हो रही हैं।
महिलाओं की प्रगति के बीच बनी चुनौतियां
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नेतृत्व में कमी:
सुधारों के बावजूद, महिलाएं अब भी प्रमुख प्रबंधन और बोर्ड के पदों पर कम दिखाई देती हैं। -
समाज की सोच:
संरक्षकता (guardianship), घरेलू ज़िम्मेदारियाँ और काम-जीवन संतुलन जैसे सामाजिक विचार अब भी महिलाओं की बराबरी में बाधा बनते हैं। -
वेतन में अंतर:
कानून के बावजूद, निजी क्षेत्र में वेतन का फर्क अभी भी बना हुआ है, यानी पुरुषों और महिलाओं को एक जैसे काम के लिए बराबर वेतन नहीं मिलता।
आर्थिक प्रभाव: विकास, विविधता और स्थिरता
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तेल के अलावा भी आर्थिक विकास:
अब सऊदी अरब की गैर-तेल आधारित अर्थव्यवस्था कुल उत्पादन (GDP) का 52% हिस्सा बन चुकी है। यह देश की आर्थिक विविधता को दिखाता है। -
बेरोज़गारी में गिरावट:
2024 की दूसरी तिमाही में नागरिक बेरोज़गारी घटकर 7.1% रह गई है, जबकि महिलाओं में यह 12.8% तक कम हुई है। -
महिलाओं की कमाई का असर:
महिलाओं की बढ़ती कमाई से परिवार की आमदनी और खर्च करने की क्षमता बढ़ी है, जिससे देश की आर्थिक स्थिरता को मज़बूती मिल रही है।




