कुवैत के पीएम शेख अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह ने कुवैत और चीन के बीच हुए समझौतों और सहमति पत्रों (MoU) पर अमल की निगरानी करने वाली मंत्री समिति की 19वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में शामिल कई अहम विकास परियोजनाओं की ताज़ा प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक में मुबारक अल-कबीर पोर्ट, बिजली की व्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा योजनाएं, और कम-कार्बन कचरा रीसायक्लिंग प्रणालियां शामिल थीं। इसके अलावा आवास विकास, गंदे पानी को साफ करने की सुविधाएं और फ्री जोन व आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना भी चर्चा में रही। पर्यावरणीय कृषि और रेगिस्तान फैलने की समस्या से निपटने के उपायों पर भी बात हुई।
बैठक के दौरान पीएम ने ज़ोर देकर कहा कि देश की आर्थिक तरक्की के लिए रणनीतिक प्राथमिकताओं को तय करना और उनसे जुड़ी योजनाओं को तेजी से लागू करना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जाबिर अल-सबाह के निर्देशों के अनुसार, कुवैत की व्यापक विकास योजना को जल्द पूरा करने के लिए काम की रफ्तार बढ़ाने की अपील की।
एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री और समिति के संयोजक, राजदूत समीह जवहर हयात ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी जिसमें कुवैत-चीन समझौतों को लागू करने के लिए उठाए गए प्रशासनिक कदमों की जानकारी दी गई। उन्होंने हाल ही में कुवैत आए एक उच्च स्तरीय चीनी प्रतिनिधिमंडल की पर्यावरण सहयोग पर आधारित यात्रा के प्रारंभिक नतीजों को भी साझा किया। इस बातचीत में पर्यावरण सुधार, पेड़ लगाने की योजनाएं, पर्यावरण की रक्षा और रेत के फैलाव को रोकने की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
उसी दिन बाद में, पीएम ने चीनी सरकारी कंपनी के चेयरमैन फांग जिनशू और उनके तकनीकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की प्रतिनिधिमंडल ने उन क्षेत्रों का दौरा करने के बाद एक विज़ुअल रिपोर्ट और विस्तृत जानकारी दी, जहां ज़मीन को सुधारने की ज़रूरत है। उन्होंने पर्यावरण समस्याओं से निपटने के लिए कई समाधान और आधुनिक तकनीकें सुझाईं। कंपनी ने अपने 85 वर्षों के अनुभव के आधार पर रेगिस्तान फैलाव को रोकने और बड़े पैमाने पर हरियाली लाने के उपाय बताए। इस बैठक में नगर मामलों, आवास, वित्त, बिजली-पानी-नवीकरणीय ऊर्जा, प्रधानमंत्री कार्यालय और कानून विभाग के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी भी शामिल हुए।




