केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामले में नया मोड़ आया है। सोमवार, 28 जुलाई को भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबक्कर मुसलियार के दफ्तर ने दावा किया कि यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए की जा रही कोशिशों में बड़ी प्रगति हुई है।
ग्रैंड मुफ्ती के दफ्तर की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि उच्च स्तर की बातचीत के बाद कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें यह भी बताया गया है कि निमिषा की मौत की सजा को रद्द करने पर सहमति बनी है। लेकिन अधिकारियों ने यह भी कहा कि अंतिम फैसला आने से पहले और बातचीत की ज़रूरत है।
निमिषा की स्थिति अब भी अनिश्चित
निमिषा प्रिया 2020 से यमन में फांसी की सज़ा का सामना कर रही हैं। उन पर एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोष साबित हुआ था। हालांकि ग्रैंड मुफ्ती के दफ्तर का बयान एक उम्मीद की किरण दिखा रहा है, लेकिन मृतक के भाई अब्दुल फत्ताह महदी ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
अब्दुल फत्ताह ने फेसबुक पर लिखा कि उन्होंने निमिषा को माफ नहीं किया है और उन्होंने इन बातचीतों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि इस्लामी कानून के अनुसार हत्या के मामलों में रहम की कोई जगह नहीं है और उन्होंने इस बात की भी आलोचना की कि बातचीत करने वाले लोग परिवार से सीधे संपर्क में नहीं आए।
उन्होंने पूछा, “उन्होंने किस यमनी संगठन से बात की?” साथ ही उन्होंने मलयालम में छपी कुछ खबरों की कटिंग भी साझा की, ताकि अपनी बात को मजबूत कर सकें।
धार्मिक और राजनयिक स्तर पर कोशिशें जारी
बताया गया है कि यह प्रगति तब देखने को मिली जब ग्रैंड मुफ्ती के कहने पर एक यमनी विद्वानों की टीम बातचीत में शामिल हुई। इस टीम में उत्तरी यमन के कुछ अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय राजनयिक समुदाय के सदस्य भी थे। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय या केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
बेटी की भावुक अपील
इस मामले में एक भावनात्मक मोड़ तब आया जब निमिषा प्रिया की 13 साल की बेटी मिशेल सोमवार को अपने पिता टॉमी थॉमस और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल के साथ यमन पहुंची। मिशेल, जो पिछले 10 सालों से अपनी मां से नहीं मिली थी, उसने मलयालम और अंग्रेजी में भावुक अपील की “मैं अपनी मां से बहुत प्यार करती हूं। मैं उन्हें बहुत मिस करती हूं। कृपया मेरी मां को वापस लाने में मदद करें।” इससे पहले इस महीने की शुरुआत में निमिषा की फांसी पर अस्थायी रोक लगाई गई थी। अब बातचीत जारी है ताकि पीड़ित के परिवार से औपचारिक माफी मिल सके।




