संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अधिकारियों ने सोशल मीडिया यूज़र्स को चेतावनी दी है कि ऑनलाइन आपत्तिजनक या अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने पर ही नहीं, बल्कि उस पर की गई कमेंट या रिप्लाई के जरिए की गई भागीदारी पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
ऑनलाइन अपमान भी सजा योग्य अपराध
शारजाह पुलिस के क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन विभाग के निदेशक कर्नल ओमर अहमद अबू अल ज़ावद ने कहा, “हम सामाजिक सौहार्द को खतरा पहुंचाने वाले डिजिटल अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। कानून स्पष्ट है ऑनलाइन अपमान, चाहे वह कमेंट थ्रेड या रिप्लाई में ही क्यों न हो, दंडनीय है।” उन्होंने कहा कि किसी पब्लिक पोस्ट पर कमेंट करना, किसी को मौखिक रूप से अपमानित करने या मजाक उड़ाने का अधिकार नहीं देता।
कई यूज़र्स कानून से अनजान
दुबई पुलिस के साइबर क्राइम विभाग के कार्यवाहक निदेशक मेजर अब्दुल्ला अल शैही ने बताया कि कई सोशल मीडिया यूज़र्स को पता ही नहीं है कि ऐसे कृत्य भी सज़ा दिला सकते हैं। “चाहे लिखित पोस्ट हो, वीडियो, ऑडियो क्लिप या लाइव स्ट्रीम कानून किसी भी तरह की अपमानजनक या मानहानि करने वाली टिप्पणी को प्रतिबंधित करता है। कई लोग मानते हैं कि लाइव सेशन में किए गए कमेंट मामूली और हानिरहित होते हैं, लेकिन हर शब्द रिकॉर्ड होता है, ट्रेस किया जा सकता है और उस पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है,” उन्होंने कहा।
गूगल रिव्यू भी बन सकता है केस का कारण
दुबई कोर्ट्स के लीगल कंसल्टेंट वेल ओबैद के अनुसार, UAE में किसी पर नकारात्मक गूगल या सोशल मीडिया रिव्यू भी कानूनी कार्रवाई की वजह बन सकता है। “लोग सोचते हैं कि वे सिर्फ राय दे रहे हैं, लेकिन अगर कमेंट से किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा, नैतिकता या साख को नुकसान होता है सीधे या परोक्ष रूप से तो यह आपराधिक मामला बन जाता है। अदालतें डिजिटल साक्ष्यों पर भरोसा करती हैं और यूज़र्स अक्सर यह समझने में गलती करते हैं कि उन्हें कितनी आसानी से पहचाना जा सकता है।”
क्या करें और क्या न करें
अधिकारियों ने निवासियों से अपील की है कि किसी भी वीडियो, टेक्स्ट, फोटो या लाइव प्रसारण से असहमति होने पर भी अपमानजनक तरीके से प्रतिक्रिया न दें। हर डिजिटल गतिविधि का रिकॉर्ड रहता है, जो अदालत में आपके खिलाफ सबूत बन सकता है।
संभावित सज़ा
UAE में ऑनलाइन अपमान या मानहानि के मामलों में Dh 2.5 लाख से Dh 5 लाख (लगभग ₹60 लाख से ₹1.2 करोड़) तक जुर्माना और कुछ मामलों में दो साल तक की जेल हो सकती है।




