पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में टोल प्लाज़ा और इलेक्ट्रिक कार मालिकों के बीच विवाद चल रहा था। इस विवाद की अहम वजह थी कि परिवहन विभाग ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों को टोल से छूट देने का ऐलान किया था, लेकिन टोल ऑपरेटर फिर भी उनसे पैसे वसूल रहे थे। अब आखिरकार इस विवाद का हल निकल गया है।
अप्रैल 2025 में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य की बड़ी एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को टोल से छूट देने की घोषणा की थी। लेकिन इसके बावजूद टोल वसूलने की घटनाएं सामने आ रही थीं। अब सरकार ने फिर से साफ कर दिया है कि 22 अगस्त से तीन बड़े हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों से टोल नहीं लिया जाएगा। इसमें शामिल हैं – मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे और अटल सेतु।
नीति के अनुसार, टोल छूट उन्हीं इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगी जो निजी और यात्री गाड़ियां हैं, राज्य परिवहन की इलेक्ट्रिक बसें हैं या फिर शहरी सार्वजनिक परिवहन की इलेक्ट्रिक गाड़ियां हैं।
इस फैसले से टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियों की इलेक्ट्रिक कारों के मालिक सबसे ज्यादा फायदा उठाएंगे, क्योंकि अभी भारत में EV सेगमेंट में इन्हीं की हिस्सेदारी ज्यादा है। सरकार का मानना है कि यह कदम लोगों को इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। इस बार उम्मीद है कि टोल प्लाज़ा को सही जानकारी मिल गई होगी और अब वे इलेक्ट्रिक गाड़ियों से पैसे नहीं काटेंगे।




