ट्रैवल व्लॉगर और अभिनेत्री शहनाज़ ट्रेज़री को हाल ही में दुबई से अर्जेंटीना जाते समय एक परेशान करने वाला अनुभव हुआ। 44 साल की शहनाज़ ने इंस्टाग्राम स्टोरीज़ पर अपने ई-वीज़ा से जुड़ी दिक्कत शेयर की।
वीडियो में उन्होंने रोते हुए बताया कि दुबई एयरपोर्ट पर उन्हें फ्लाइट पर चढ़ने नहीं दिया गया क्योंकि उनके पास ई-वीज़ा की प्रिंटेड कॉपी नहीं थी। इंडियन पासपोर्ट धारकों को ई-वीज़ा मिलता है, लेकिन इमिग्रेशन पर उसकी प्रिंट कॉपी दिखाना ज़रूरी होता है।
शहनाज़ ने आगे लिखा “उन्होंने मुझे सिर्फ ई-वीज़ा दिखाने पर फ्लाइट पर चढ़ने नहीं दिया। मुझे लगभग 1 किलोमीटर दूर लाउंज तक भागना पड़ा प्रिंट निकालने के लिए, लेकिन प्रिंटर काम नहीं कर रहा था। फ्लाइट बंद होने वाली थी। जब मैं रोने लगी और हंगामा किया, तब जाकर उन्होंने फ्लाइट रोकी और मुझे चढ़ने दिया।” उन्होंने राहत की सांस लेते हुए कहा “बहुत स्ट्रेसफुल था, लेकिन अब मैं प्लेन पर हूँ। 23 घंटे की जर्नी है अर्जेंटीना तक। एक्साइटेड हूँ और खुश हूँ कि पहुँच गई। सबक मिल गया हमेशा ई-वीज़ा की प्रिंट कॉपी साथ रखें, बेहतर होगा अगर उसे पासपोर्ट में रख लें।”
इसके बाद शहनाज़ ने अपनी लंबी फ्लाइट की डिटेल्स शेयर कीं: मुंबई से दुबई (3 घंटे), दुबई में लेओवर (2 घंटे), दुबई से रियो (14 घंटे), रियो में रिफ्यूलिंग (2.5 घंटे, प्लेन से बाहर निकले बिना) और फिर रियो से ब्यूनस आयर्स (3 घंटे)। उन्होंने लिखा “अब फिर से स्माइल कर रही हूँ।”
यूएई ट्रिप के दौरान शहनाज़ ने अबू धाबी के teamLab Phenomena आर्ट म्यूज़ियम भी एक्सप्लोर किया। यहाँ डिजिटल इंस्टॉलेशन और आर्टवर्क्स ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने लिखा “मैंने सोचा था सिर्फ आर्ट देखूंगी, लेकिन जूते खो दिए, ब्लैक होल से गुज़री और खुद की 20 शहनाज़ जैसी इमेज देखीं। ये सिर्फ गैलरी नहीं, बल्कि एक डिजिटल अनुभव है जो आपको अपने अंदर समा लेता है।”
आख़िर में शहनाज़ का यह अनुभव यात्रियों के लिए एक सीख है सफ़र पर निकलने से पहले हर जरूरी डॉक्युमेंट की प्रिंट कॉपी साथ रखना बेहद ज़रूरी है।




