दुबई एक बार फिर हवाई यात्रा को नई दिशा दे रहा है। टर्मिनल 3 पर एआई-आधारित स्मार्ट कॉरिडोर सिस्टम का विस्तार किया गया है, जिसे अब आगमन और प्रस्थान दोनों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
जनरल डायरेक्टरेट ऑफ आइडेंटिटी एंड फॉरेनर्स अफेयर्स (GDRFA) द्वारा विकसित यह तकनीक यात्रियों को केवल 6 से 14 सेकंड में इमिग्रेशन क्लियर करने की सुविधा देती है। वह भी बिना पासपोर्ट या बोर्डिंग पास दिखाए। बायोमेट्रिक पहचान और पहले से दर्ज यात्री डेटा की मदद से सिस्टम स्वतः पहचान कर लेता है, जिससे प्रक्रिया तेज़ और सुरक्षित बनती है। पारंपरिक पासपोर्ट नियंत्रण में जहां यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से कतार में लगना पड़ता है, वहीं यह कॉरिडोर एक साथ 10 लोगों को प्रोसेस कर सकता है, जिससे क्षमता दोगुनी हो जाती है और अतिरिक्त स्टाफ की ज़रूरत भी नहीं पड़ती।
लंदन हीथ्रो और न्यूयॉर्क JFK जैसे हवाई अड्डे अभी ऑटोमेटेड सिस्टम का परीक्षण कर रहे हैं, जबकि दुबई ने इसे बड़े पैमाने पर लागू कर दिया है। यही वजह है कि इसे ग्लोबल बेंचमार्क माना जा रहा है। सबसे अहम बात यह है कि इससे यात्रियों का अनुभव पूरी तरह बदल जाएगा लंबी लाइनों से छुटकारा मिलेगा, समय बचेगा और दुबई यात्रा के लिए और भी आकर्षक गंतव्य बन जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है; आने वाले समय में दुबई दुनिया का पहला पूरी तरह कॉन्टैक्टलेस एयरपोर्ट बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें बायोमेट्रिक बोर्डिंग, ऑटोमेटेड बैगेज और एआई-आधारित सुरक्षा जांच जैसी सुविधायें शामिल होंगी।




