रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीजिंग में आयोजित एक भव्य सैन्य परेड में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में भारत और चीन का खुलकर समर्थन किया। व्यापार पर बढ़ते अमेरिकी दबाव पर बोलते हुए पुतिन ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही आर्थिक महाशक्ति हैं और उनसे अपमानजनक लहज़े में बात नहीं की जा सकती।
पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई वाली अमेरिकी सरकार ने नई दिल्ली पर 50% का भारी टैरिफ लगा दिया है, जिसका एक कारण भारत का रूस के साथ व्यापार बतलाया गया है।
बीजिंग प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने क्या कहा?
पुतिन ने पत्रकारों से कहा “अंतरराष्ट्रीय कानून के दृष्टिकोण से देखा जाए तो सभी देशों के समान अधिकार होने चाहिए और सभी को एक जैसी स्थिति में होना चाहिए।” अमेरिका की ओर इशारा करते हुए पुतिन ने जोड़ा “देशों ने अपने इतिहास में कठिन दौर देखे हैं औपनिवेशिक शासन, संप्रभुता पर लंबे समय तक हमले। अब जब औपनिवेशिक युग समाप्त हो चुका है, तो उन्हें यह समझना होगा कि अपने साझेदारों से बात करते समय ऐसा लहज़ा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।”
अमेरिकी टैरिफ़ पर भारत की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने हाल ही में भारत पर भारी टैरिफ लगाए हैं, आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जबकि रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा हुआ है। ट्रंप प्रशासन ने भारत पर रूस की “वॉर मशीन” को ईंधन देने का आरोप लगाया है।
हाल ही में चीन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी पर ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने तीखी टिप्पणी की “यह शर्म की बात है कि मोदी (चीनी राष्ट्रपति) शी जिनपिंग और पुतिन के साथ खड़े हैं। हमें समझ नहीं आता कि वह क्या सोच रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वह समझेंगे कि उन्हें हमारे साथ होना चाहिए, रूस के साथ नहीं।”
भारत ने अमेरिकी टैरिफ को अनुचित बताया है और कहा है कि रूस से तेल खरीदना पूरी तरह वैध है, क्योंकि उस पर कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं है।




