भारत ने मंगलवार को नेपाल में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यह कदम उस समय उठाया गया जब पड़ोसी देश में जनरेशन Z द्वारा चलाए जा रहे हिंसक प्रदर्शनों ने हालात बिगाड़ दिए। इन प्रदर्शनों में अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक घायल हुए हैं।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि वह नेपाल की स्थिति पर करीबी नज़र रख रहा है और इतने युवाओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करता है। मंत्रालय ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
भारत ने यह भी कहा कि काठमांडू और कई अन्य शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है, इसलिए नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिक सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। नेपाल को “करीबी मित्र और पड़ोसी” बताते हुए भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के ज़रिए विवाद सुलझाने की अपील की।
दरअसल, नेपाल सरकार ने हाल ही में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब और एक्स (Twitter) समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पाबंदी लगा दी थी। इस फैसले के विरोध में खासकर युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू कर दिए। पुलिस से झड़पें बढ़ने पर हालात बेकाबू हो गए और सेना को तैनात करना पड़ा।
इन प्रदर्शनों और हुई मौतों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी भी तरह की अराजकता और अहंकार को बर्दाश्त नहीं करेगी। लेकिन बढ़ते दबाव के बीच सरकार को झुकना पड़ा और सोशल मीडिया बैन का फैसला वापस लेना पड़ा। सूचना मंत्रालय ने सभी बंद किए गए प्लेटफॉर्म्स को फिर से बहाल करने का आदेश दिया।




