AE गोल्डन वीज़ा अब कई तरीकों से हासिल किया जा सकता है। प्रॉपर्टी ओनरशिप और बिज़नेस इन्वेस्टमेंट के अलावा, अगर किसी व्यक्ति की मासिक आय Dh30,000 या उससे अधिक है तो वह भी आवेदन कर सकता है। अक्सर UAE की सैलरी में बेसिक वेतन के अलावा हाउसिंग और ट्रैवल जैसे अलाउंस शामिल होते हैं। अगर ये अलाउंस कॉन्ट्रैक्ट और लेबर एग्रीमेंट में सही तरीके से दर्ज हों और हर महीने नियमित रूप से मिलें, तो इन्हें भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि, कमीशन, बोनस या स्कूल फीस जैसी अनियमित इनकम इसमें शामिल नहीं होती। इस आधार पर RW का सैलरी पैकेज गोल्डन वीज़ा के लिए योग्य है।
वाहन आयात (Car Import) नियम
रियाद से दुबई शिफ्ट होने वाले GA जैसे लोग अपना वाहन UAE ला सकते हैं, बशर्ते गाड़ी 10 साल से पुरानी न हो। अगर वाहन 10 साल से पुराना है तो Roads and Transport Authority (RTA) से स्पेशल परमिट लेना होगा। गाड़ी आयात करने के लिए पासपोर्ट, वीज़ा, ड्राइविंग लाइसेंस, इंपोर्ट परमिट, सर्टिफिकेट ऑफ़ ओरिजिन, खरीद की रसीद और शिपिंग डाक्यूमेंट्स जैसे कागज़ात ज़रूरी हैं। UAE पहुंचने पर कस्टम्स क्लियरेंस, 5% वैल्यू टैक्स, ड्यूटी और इन्स्पेक्शन फीस भरनी होगी। उसके बाद गाड़ी की टेस्टिंग, RTA रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस कन्वर्ज़न कराना पड़ेगा।
पार्ट-टाइम कर्मचारियों के अधिकार
LT, दुबई जैसी पार्ट-टाइम जॉब करने वाली कर्मचारी के मामले में, UAE लेबर लॉ साफ़ कहता है कि पार्ट-टाइम कर्मचारियों को भी पूर्णकालिक कर्मचारियों जैसी छुट्टियों का अधिकार है। कानून के मुताबिक, अगर नौकरी छह महीने से ज्यादा और एक साल से कम है तो दो दिन प्रति माह, और एक साल से अधिक सेवा पर कम से कम 30 दिन की पेड लीव मिलनी चाहिए। नियोक्ता का केवल 10 दिन की छुट्टी देना UAE लेबर लॉ का उल्लंघन है।
कुल मिलाकर, चाहे बात गोल्डन वीज़ा की हो, वाहन आयात की हो या पार्ट-टाइम कर्मचारियों के अधिकारों की, UAE का क़ानून और नियमावली स्पष्ट है और कर्मचारियों व निवासियों के हितों की रक्षा करता है।



