सऊदी अरब में डिजिटल मनी ट्रांसफर तेजी से बढ़ रहा है और इसका कारण भी साफ है। जो लोग विदेश में अपने परिवार को पैसा भेजते हैं, उनमें से ज़्यादातर अब मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। वीज़ा की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में 59% लोग अब पारंपरिक रेमिटेंस सेंटर की बजाय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को पसंद करते हैं।
लोग डिजिटल ट्रांसफर इसलिए चुन रहे हैं क्योंकि यह तेज़, सुरक्षित और आसान है। 47% लोगों का कहना है कि डिजिटल ऐप्स कैश सेंटर से ज़्यादा सुरक्षित और निजी हैं, जबकि 43% ने इसे इस्तेमाल में आसान बताया। साथ ही, पहले से अधिक लोग इस पर भरोसा करने लगे हैं और उन्हें संतोष है कि उनका पैसा सुरक्षित पहुँच रहा है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 93% लोग साल में कम से कम एक बार विदेश पैसे भेजते हैं और कई तो इससे कहीं अधिक बार भेजते हैं। सऊदी अरब में लाखों प्रवासी काम करते हैं और उनके लिए रेमिटेंस एक जीवनरेखा है। 2024 में सऊदी अरब से SAR 144 अरब विदेश भेजा गया, जो पिछले तीन सालों में सबसे ज़्यादा है।
हालाँकि, अभी भी चुनौतियाँ मौजूद हैं। 29% लोगों ने कहा कि फीस बहुत ज़्यादा है और 33% ने शिकायत की कि उनके परिवार वालों को पैसा लेने पर भी ज़्यादा खर्च करना पड़ता है।
इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए वीज़ा अब Visa Direct सेवा का विस्तार कर रहा है, जिससे लोग सीधे बैंक अकाउंट, कार्ड या डिजिटल वॉलेट में पैसा भेज पाएंगे। यह सर्विस स्थानीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि विदेश पैसे भेजना और भी आसान हो सके।
कुल मिलाकर, डिजिटल ऐप्स अब सऊदी अरब में पैसा भेजने का पसंदीदा तरीका बनते जा रहे हैं। सुरक्षित लेन-देन, आसान प्रक्रिया और भरोसेमंद टेक्नोलॉजी की वजह से लोग अब कैश लेकर कतार में खड़े होने की बजाय मोबाइल ऐप से ही मिनटों में पैसा भेज रहे हैं।




