आज के दौर में किसी व्यक्ति के लिए अपना स्वस्थ जीवनकाल को बढ़ाना और मौत को मात देना कोई बड़ी बात नहीं है। बुढ़ापे को धीमा करना अब आसान भी हो गया है। ऐसा ही कुछ कारनामा सऊदी के लोगों ने भी कर दिखाया है। 1960 के दशक में सऊदी अरब में एक नागरिक की औसत जीवन प्रत्याशा सिर्फ 46 साल थी, जो अब बढ़कर 79 साल हो गई है।
आपको बता दें कि सऊदी में यह बदलाव बेहतर चिकित्सा सुविधाओं, बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ्य मानकों में सुधार के कारण हुआ है। इस देश ने अपने नागरिकों का जीवन बेहतर बनाने और उनकी लंबी उम्र के लिए स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्रों में भी अहम सुधार किए हैं। आइए जानते हैं इन बदलावों के बारें में-
- स्वास्थ्य सेवाओं की लागत में कमी
- स्वस्थ और संतुलित खान-पान की आदतों को बढ़ाना
- पुरानी स्वास्थ्य प्रणाली को अब आधुनिक बनाना
- उत्पादन और आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी करना
- सामाजिक एकता को बढ़ाना
गौरतलब है कि ये कारण इसलिए भी बहुत जरूरी और कामगार होते हैं क्योंकि जब लोग कम बीमार पड़ेंगे तो इलाज भी खर्चा भी कम होगा। ऐसे में आधुनिक तकनीक से इलाज को बेहतर बनाना। सबसे अहम बात है अच्छी सेहत के लिए सही खाना जरूरी है। स्वस्थ लोग ज्यादा समय तक काम कर सकते हैं। स्वस्थ लोग बुजुर्ग समाज से जुड़े रहते हैं और योगदान देते हैं। इन उपायों से न केवल अरबों-खरबों डॉलर की बचत होगी, बल्कि लोग लंबे समय तक स्वस्थ रहकर देश की अर्थव्यवस्था में भी मदद करेंगे।
जीवन स्तर और अर्थव्यवस्था पर असर
अर्थशास्त्री इब्राहिम अल-हिंदी का कहना है कि जब औसत जीवनकाल बढ़ता है, तो लोग ज्यादा साल तक काम कर सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति की आमदनी और जीवन स्तर में सुधार आता है। इसके साथ ही नई तकनीकों, जैविक दवाओं, हेल्थकेयर, बीमा और बुजुर्गों की देखभाल जैसे नए उद्योगों का भी विकास होता है। पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. सालेह अल-अंसारी का कहना है कि सिर्फ लंबा जीना ही काफी नहीं है, स्वस्थ रहना भी जरूरी है. स्वस्थ रहने के लिए ये चीजें जरूरी हैं…
- रोजाना शारीरिक गतिविधि
- संतुलित और पौष्टिक आहार
- अच्छी नींद
- तनाव कम करना
- बुजुर्गों के लिए सामाजिक सहायता और सुविधाएं




