दुनिया भर में राजनीतिक नेता अचानक बुलाई गई बैठकों और शिखर सम्मेलनों में इकट्ठा हो रहे हैं। हाल ही में, इजरायल के हमास नेताओं पर दोहा में हमला करने के बाद, खाड़ी देश (Gulf countries) ने क़तर के साथ एकजुटता दिखाई। UAE के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन ज़ायद अल नाहयान ने दोहा में क़तरी अमीर से मुलाकात की और मित्रता का सार्वजनिक प्रदर्शन किया। सऊदी अरब ने भी इजरायल की “आक्रामकता और अपराध” के खिलाफ अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की मांग की।
इसी बीच, भारत, चीन और रूस के नेताओं की बैठक हुई, जो नई वैश्विक गठबंधन संभावनाओं को दर्शाती है। डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की अनिश्चितता और असंगति के कारण कई देशों को अब अपने राजनैतिक और आर्थिक विकल्प तलाशने पड़ रहे हैं। ट्रंप और इजरायल के अत्यधिक दबाव के कारण, देश अब अपने संसाधनों और सहयोगियों को लेकर नई रणनीतियां बना रहे हैं।
खाड़ी देश विशेषकर UAE, जो अब्राहम समझौते का हिस्सा है, उन्होंने इस बार क़तर पर हमले के बाद इजरायल की नीतियों की सार्वजनिक आलोचना की। चीन और उसके सहयोगी, जैसे तुर्की और मिस्र, भी नए वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक गठबंधनों की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
सारांश में, ट्रंप और इजरायल की अस्थिर रणनीतियों ने कई देशों को मजबूर किया है कि वे अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए नए गठबंधनों और साझेदारियों की खोज करें। यह वैश्विक राजनीतिक पुन:संतुलन अभी शुरू हुआ है और धीरे-धीरे मध्य पूर्व सहित अन्य क्षेत्रों में नए समीकरण बदल रहे हैं।




