अररिया-गलगलिया एक्सप्रेस सोमवार देर शाम सिकटी प्रखंड के बरदाहा हाल्ट पर पहली बार यात्रियों के साथ पहुँची। यह ट्रेन पूर्णिया में प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई ट्रेन से जुड़ी है और बरदाहा पर पहुंचने पर बहुत बड़ी भीड़ जमा थी। सांसद प्रदीप कुमार सिंह समेत लगभग पाँच हजार लोग इस ट्रेन का इंतजार कर रहे थे।
ग्रामीण दोपहर से ही बरदाहा में इकठ्ठा थे और ट्रेन के एक झलक पाने के लिए इंतजार कर रहे थे। ट्रेन नियत समय से करीब तीन घंटे विलंब से आई, पर पहुँचते ही लोगों ने फूल बरसाकर इंजन, बोगियों, ड्राइवर और यात्रियों का स्वागत किया। बरदाहा पर भारत माता की जय, वंदे मातरम और नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद के नारों से माहौल रहा।
इस ट्रेन के परिचालन से सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों के लोगों को सफर में सहूलियत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यात्रा के साथ-साथ व्यापार और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच आसान होगी, जिससे गांवों को मजबूत कनेक्टिविटी मिल सकेगी। स्थानीय लोगों का मानना है कि अब इस इलाके के लोग भी देश के दूसरे कोनों में रेल से आसानी से जा पाएँगे।
परियोजना के तकनीकी पहलुओं में 64 बड़े पुल, 264 छोटे पुल और 15 नए रेलवे स्टेशन व हाल्ट शामिल हैं। अररिया कोर्ट-गलगलिया रेल खंड पर बने इन सरंचनात्मक कामों को पहले समग्र रूप से समीक्षा भी किया गया था। बरदाहा हाल्ट इस खंड का एक नया स्टॉप है और यहीं से परिचालन आज शुरू हुआ।
तुरंत परिणाम के रूप में बरदाहा हाल्ट पर भारी भीड़ और स्वागत दिखा और स्थानीय उद्येश्यों के हिसाब से यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। परियोजना का उद्देश्य बिहार और आसपास के क्षेत्रों में रेल कनेक्टिविटी व परिचालन दक्षता बढ़ाना है। आगे नियमित परिचालन से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर असर देखने को मिलेगा।
- अररिया-गलगलिया एक्सप्रेस पहली बार यात्रियों के साथ बरदाहा हाल्ट पहुँची।
- ट्रेन तीन घंटे विलंब से आई; स्थानीय लोगों ने फूल बरसाकर स्वागत किया।
- परियोजना में 64 बड़े पुल, 264 छोटे पुल और 15 नए स्टेशन/हाल्ट शामिल हैं।
- यह कदम सीमावर्ती और पिछड़े इलाके की कनेक्टिविटी, व्यापार व चिकित्सा पहुंच मजबूत करेगा।
- परियोजना का उद्देश्य बिहार व आसपास के क्षेत्रों में रेल परिचालन दक्षता बढ़ाना है।



