दोहा (कतर) में 9 सितंबर को इज़रायल ने एक बड़ा हवाई हमला किया था, जिसमें हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद पहली बार हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य ग़ाज़ी हमद बुधवार को सामने आए और अल जज़ीरा को इंटरव्यू दिया।
हमद ने बताया कि वह उस समय वहीं मौजूद थे जब हमला हुआ। उन्होंने कहा, “हम युद्धविराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। बैठक शुरू हुए एक घंटे से भी कम समय हुआ था कि धमाका हुआ। लगभग 12 मिसाइलें एक मिनट के भीतर गिरीं। हमें तुरंत समझ आ गया कि यह इज़रायली हमला है और हम किसी तरह वहाँ से निकल गए।” हमद, जो ग़ाज़ा एनर्जी अथॉरिटी के अध्यक्ष और हमास की बातचीत टीम के अहम सदस्य हैं, उन्होंने अमेरिकी मध्यस्थों की भूमिका पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि अमेरिका ने भरोसेमंद तरीके से काम नहीं किया और बीच में अपने प्रस्ताव वापस ले लिए।
वर्तमान में हमास के पास लगभग 48 इज़रायली बंधक हैं, जिनमें से करीब 20 जिंदा बताए जा रहे हैं। हमद ने कहा, “हम कैदियों के साथ अपने मूल्यों के अनुसार व्यवहार करते हैं, लेकिन असल में उन्हें खतरे में डालने वाले क़ब्ज़ा करने वाले (इज़रायल) हैं।” इस हमले में एक क़तरी सैन्यकर्मी और पांच निचले स्तर के हमास सदस्य मारे गए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस कार्रवाई की व्यापक आलोचना हुई और यहाँ तक कि अमेरिका ने भी इज़रायल से दूरी बना ली। हालांकि, इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यह हमला हमास को संदेश देने के लिए था कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।




