केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 18 सितंबर को अबू धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा किया और इसे आध्यात्मिक सुंदरता और वास्तुकला का अद्भुत नमूना बताया। उन्होंने कहा कि यह मंदिर भारत और यूएई के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। इस दौरान गोयल ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि यह मंदिर भारत-यूएई सांस्कृतिक साझेदारी का गौरवपूर्ण उदाहरण है और शांति तथा विरासत के साझा मूल्यों का जश्न मनाता है।
Visited the magnificent BAPS Hindu Mandir in Abu Dhabi, @AbuDhabiMandir, a landmark of spiritual grace and architectural excellence.
It stands as a proud testament to India-UAE cultural partnership, celebrating shared values of peace and heritage. 🇮🇳🇦🇪 pic.twitter.com/D4XrAEy9cq
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 18, 2025
दौरे के वक्त उन्होंने मंदिर के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारदास से मुलाकात की, जिन्होंने बताया कि इस मंदिर का निर्माण उस क्षेत्र में एक चुनौतीपूर्ण परियोजना थी, जहां कभी इसे असंभव माना जाता था। स्वामी ने कहा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने 1997 में अबू धाबी में इस मंदिर के निर्माण का सपना देखा था और इसे साकार करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लगातार समर्थन और कूटनीतिक प्रयास अहम रहे। पीएम मोदी की ईमानदारी और समर्पण ने अबू धाबी के शासकों के साथ मित्रता स्थापित की, जिससे परियोजना को मंजूरी मिली और पूरे निर्माण कार्य को बीएपीएस स्वामिनारायण संस्था को सौंपा गया।
स्वामी ब्रह्मविहारदास ने मंदिर के व्यापक महत्व को भी उजागर किया और कहा कि यह “वैश्विक सद्भाव का आध्यात्मिक नखलिस्तान” है, जहां सही मूल्यों वाले आध्यात्मिक व्यक्ति और स्पष्ट उद्देश्य वाले विश्व नेता एक साथ बैठकर शांति का निर्माण कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समय चक्रीय है, लेकिन संवाद के जरिए युद्ध समाप्त हो सकते हैं और सभी धर्मों के लोग इस मंदिर के निर्माण में योगदान दे सकते हैं, जो आज वैश्विक सद्भाव और एकता का प्रतीक बन चुका है।




