सऊदी अरब ने 2026 के लिए अपना प्री-बजट स्टेटमेंट जारी कर दिया है और इसमें मुख्य रूप से बढ़ती खर्च, मजबूत आर्थिक विकास और एक छोटा घाटा शामिल है, जिसे सरकार स्वीकार कर रही है।
मुख्य आंकड़े
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खर्च (2026): SR1.313 ट्रिलियन
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राजस्व (2026): SR1.147 ट्रिलियन
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घाटा: GDP का 3.3%
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प्रोजेक्टेड GDP वृद्धि: 4.6% (मुख्य रूप से गैर-तेल गतिविधियों की ताकत के कारण)
तो हां घाटा है लेकिन यह गलती नहीं, बल्कि एक योजनाबद्ध रणनीति का हिस्सा है।
खर्च कहां हो रहा है
सरकार विस्तारवादी खर्च जारी रखने का इरादा रखती है, और Vision 2030 के लक्ष्यों, अर्थव्यवस्था के विविधीकरण और मेगा-प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देती है। यह बजट सामाजिक और आर्थिक दोनों प्रकार की प्राथमिकताओं को पूरा करने वाले प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहा है।
इसका महत्व
Vision 2030 के बाद से सऊदी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है: प्राइवेट सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, बेरोज़गारी घटकर 6.8% पर आ गई है, और गैर-तेल गतिविधियाँ विकास का नेतृत्व कर रही हैं। इसका मतलब यह है कि देश धीरे-धीरे अपने “केवल तेल” छवि से बाहर निकल रहा है।
आगे क्या?
2026 के बाद, राजस्व 2028 तक SR1.294 ट्रिलियन तक बढ़ने की उम्मीद है, जबकि खर्च SR1.419 ट्रिलियन तक पहुंचेगा। प्रोजेक्ट्स को फंड करने के लिए अधिक सुकुक, बॉन्ड और ऋण जारी किए जाएंगे, और सरकार अपने कर्ज स्तर को अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में “सुरक्षित” बनाए रखने की योजना बना रही है।
सरकार का दृष्टिकोण
वित्त मंत्री मोहम्मद अल-जदाण के अनुसार, प्राथमिकता संतुलन बनाए रखना है: सार्वजनिक वित्त मजबूत रखना, प्रोजेक्ट्स को जारी रखना और यदि वैश्विक संकट आए तो लचीलेपन के साथ प्रतिक्रिया करना। सरल शब्दों में कहा जाए तो — स्मार्ट खर्च करें, स्थिर विकास करें और बैंक में पैसे भी रखें।



