इज़राइल और हमास के बीच में शांति समझौते को लेकर दुनियाभर में सुर्खियां ख़ूब बटोरी गई लेकिन अब हालात वैसे नहीं नज़र आ रहे हैं जैसे अख़बारों और मीडिया चैनलों में सुर्खियां के तौर पर एक बड़ी जीत बतायी गई थी। इज़राइल ने भारी मात्रा में हमास के समर्थन वाले कैदियों को और फिलीस्तीनी नागरिकों को अपने जेलों से रिहा किया। तो वहीं बदले में हमास ने ज़िंदा बची है इज़राइली नागरिकों को भी रिहा किया जिन्हें उसने बंधक बना कर के रखा था।
अब स्थिति सुधारने के बजाय बुलायी गई है क्योंकि हमास ने बाक़ी मरे हुए इज़राइल के नागरिकों को वापस इज़राइल को नहीं सौंपा है जो कि इज़राइल के तरफ़ से शांति समझौते का उल्लंघन माना जा रहा है और इसी क्रम में इज़राइल ने हमास के ऊपर दोबारा से कार्रवाई चालू करने का अल्टीमेटम देना चालू कर दिया है।

हमास अब दुबारा हुआ ऐक्टिव तो अपने देश के अंदर ही कर रहा है खून खराबा।
हमास को जैसे ही छूट मिली उसने अपने देश के भीतर ही एक नया अभियान चलाना चालू कर दिया है जिसके तहत इस्राईल को समर्थन देने वाले लोगों को ढूंढ ढूंढ कर सजा दिया जा रहा है। इस क्रम में कई लोगों को मौत के घाट हमास ने उतार दिया है और कई लोगों को बंधक बनाया गया है।
दुबारा से शांति समझौते पर अब ग्रहण लगने वाली स्थिति बनने लगी है क्यों की शांति समझौते के साथ ही यह करारनामा हुआ था कि हमास अपने हथियार डाल देगा और शांति की तरफ़ आगे बढ़ेगा लेकिन मौजूदा स्थिति ठीक इसके विपरीत दिख रही है।




