साल 2025 में ‘यूएई कमबैक’ का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, यानी वो प्रवासी जो पहले देश छोड़ चुके थे अब वापस दुबई लौट रहे हैं। इसका कारण है पश्चिमी देशों में बढ़ती महंगाई, टैक्स का दबाव और यूएई की टैक्स-फ्री इनकम, सुरक्षा और शानदार जीवनशैली।
🔹 मुख्य बातें
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2025 में यूएई में वापस आने वाले प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ी।
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टैक्स-फ्री सैलरी, सुरक्षा और बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस हैं मुख्य कारण।
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पश्चिमी देशों में ब्यूरोक्रेसी और खर्च बढ़ने से लोग वापसी कर रहे हैं।
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59% प्रवासी दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान आदि) से आते हैं।

💰 टैक्स-फ्री इनकम का बड़ा आकर्षण
यूएई में 0% इनकम टैक्स नीति अब भी इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यहां कोई इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स या इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता।
एक हालिया सर्वे के मुताबिक, हर 3 में से 1 प्रवासी को दुबई आने या लौटने पर सैलरी में 20% से अधिक की बढ़ोतरी मिली है।
| क्षेत्र | औसतन सैलरी बढ़ोतरी | प्रमुख सेक्टर |
|---|---|---|
| यूके / यूरोप | 20–30% | फाइनेंस, टेक |
| अमेरिका / कनाडा | 15–25% | ऑयल, कंसल्टिंग |
| दक्षिण एशिया | 20–40% | आईटी, इंजीनियरिंग |
एक कनाडाई प्रोफेशनल ने बताया कि टोरंटो से दुबई आने पर टैक्स बचत से वह अपनी कमाई का 70% ज़्यादा बचा पा रहे हैं। वहीं, ब्रिटिश कर्मचारियों ने बताया कि दुबई में उन्हें “डबल टेक-होम सैलरी” मिल रही है।
🏙️ सुरक्षा और लाइफस्टाइल में दुबई की बढ़त
2025 में यूएई दुनिया का दूसरा सबसे सुरक्षित देश बना। दुबई का वॉयलेंट क्राइम इंडेक्स सिर्फ 12.5/100 है, जबकि लंदन में यह 55 है।
यहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो जैसी सुविधाएं, बीच लाइफस्टाइल और स्मार्ट सिटी मॉडल प्रवासियों को फिर से आकर्षित कर रहे हैं।
लाइफस्टाइल के कारण —
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बेहतर मौसम और वर्क-लाइफ बैलेंस: 41% ब्रिटिश प्रवासियों ने इसे मुख्य कारण बताया।
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मल्टीनेशनल कम्युनिटी: 200 से अधिक देशों के लोग दुबई में रहते हैं।
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फाइनेंशियल ग्रोथ: टैक्स न लगने से सेविंग्स तेजी से बढ़ती हैं।
🌍 प्रवासियों की कहानियाँ
एक कोलंबियाई निवेशक जो पहले अमेरिका और चीन में रह चुके थे, अब दुबई लौट आए हैं। उन्होंने कहा, “यहां की ऊर्जा और ग्रोथ दुनिया के किसी भी शहर से तेज है।”
एक ब्रिटिश प्रवासी ने बताया कि कोविड के बाद उन्होंने दुबई वापसी की क्योंकि “यहां सब कुछ तेज़, सुरक्षित और आर्थिक रूप से फायदेमंद है।”
यूएई में लौटने का यह ट्रेंड दिखाता है कि टैक्स-फ्री इनकम, सुरक्षा और आधुनिक जीवनशैली का आकर्षण अब पहले से कहीं ज़्यादा है।
हालांकि नागरिकता न मिलने की अनिश्चितता और मिड-लेवल नौकरियों में सैलरी स्थिरता जैसी चुनौतियाँ भी हैं, फिर भी दुबई प्रवासियों के लिए कमाई और स्थिरता दोनों का केंद्र बना हुआ है।




