केंद्र सरकार ने नए श्रम नियमों के तहत बड़ी राहत दी है—अब नौकरी छोड़ने, इस्तीफा देने या हटाए जाने की स्थिति में कंपनी को 48 घंटे के भीतर पूरा निपटान (Full & Final Settlement) करना होगा। साथ ही 15 दिन की अलग “कौशल राशि” भी दी जाएगी।
Key Highlights
-
नौकरी छूटने या इस्तीफा देने पर 48 घंटे में पूरा भुगतान
-
अंतिम महीने का वेतन, बची छुट्टियाँ और अन्य बकाया शामिल
-
अलग से 15 दिन की ‘कौशल निधि’ (Skill Resettlement Fund) मिलेगी
-
राशि 45 दिनों के भीतर सीधे बैंक खाते में जमा
-
कंपनियों की मनमानी, देरी और अपारदर्शिता पर रोक
-
कर्मचारी नई नौकरी से पहले आर्थिक दबाव से बच पाएंगे
भारत सरकार ने 21 नवंबर 2025 से लागू हुए नए श्रम संहिता नियमों में कर्मचारियों को ऐतिहासिक राहत दी है। अब किसी भी कर्मचारी को नौकरी से हटाया जाए, इस्तीफा दिया जाए या मजबूरन नौकरी छोड़नी पड़े—कंपनी को 48 घंटे के भीतर पूरा भुगतान करना अनिवार्य होगा।
पहले कई कंपनियाँ फुल-एंड-फाइनल सेटलमेंट में 30–45 दिन तक लगा देती थीं। इससे कर्मचारियों को नई नौकरी शुरू करने से पहले भारी आर्थिक दबाव झेलना पड़ता था। लेकिन अब यह देरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
क्या-क्या शामिल होगा इस भुगतान में?
-
अंतिम महीने का वेतन
-
बची हुई छुट्टियों का पैसा
-
अन्य भत्ते जो “वेतन” की परिभाषा में आते हैं
नोट: ग्रेच्युटी और PF जैसे भुगतान के लिए अलग समयसीमा रहती है, क्योंकि इनके नियम अलग हैं।
15 दिन की अतिरिक्त ‘कौशल राशि’ (Skill Fund)
नए नियमों के अनुसार, नौकरी से हटाए गए कर्मचारियों को अनिवार्य मुआवजे के अलावा 15 दिनों की मजदूरी के बराबर एक अतिरिक्त “कौशल निधि” भी दी जाएगी।
-
यह राशि 45 दिनों के भीतर कर्मचारी के बैंक खाते में जमा होगी।
-
इससे कर्मचारी नए कौशल सीखकर फिर से रोजगार पाने की क्षमता बढ़ा सकेंगे।
-
यह Industrial Relations Code 2020 का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रिस्किलिंग और रोजगार सुरक्षा है।
कर्मचारियों को फायदे
| फायदा | असर |
|---|---|
| 48 घंटे में पूरा भुगतान | नई नौकरी शुरू करने से पहले आर्थिक तनाव ख़त्म |
| 15 दिन की कौशल राशि | करियर बदलने या नया कौशल सीखने में मदद |
| कंपनियों की देरी पर अंकुश | पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी |
| फुल एंड फाइनल प्रक्रिया तेज | समय पर पैसे, कम झंझट |
नई व्यवस्था में क्या बदला?
-
अब रिट्रेसमेंट यानी बिना अनुशासनात्मक कार्रवाई के नौकरी समाप्त होने पर साफ नियम लागू होंगे।
-
कंपनी मनमर्जी से देरी नहीं कर पाएगी।
-
कर्मचारी को नौकरी छूटते ही आर्थिक सुरक्षा मिल जाएगी।
FAQ
Q. क्या हर स्थिति में 48 घंटे में भुगतान अनिवार्य है?
हाँ, इस्तीफा, नौकरी छोड़ने या हटाए जाने—सभी पर लागू है।
Q. 15 दिन की कौशल निधि किसे मिलेगी?
नौकरी से हटाए गए कर्मचारी (रिट्रेसमेंट केस) को।
Q. ग्रेच्युटी और PF कब मिलेंगे?
इनकी अलग समयसीमा है क्योंकि इनके कानून अलग हैं।





