यूएई के बेरोजगारी बीमा (ILOE) कार्यक्रम ने एक अहम पड़ाव पार कर लिया है। मानव संसाधन एवं एमिराताइज़ेशन मंत्रालय (MOHRE) ने पुष्टि की है कि योजना लागू होने के बाद से अब तक 17,758 कर्मचारियों को बेरोजगारी की अवधि में वित्तीय मुआवज़ा मिल चुका है, जबकि निजी क्षेत्र के लक्षित कार्यबल में कवरेज 88.3 प्रतिशत तक पहुँच गया है।
योजना की वर्तमान स्थिति
MOHRE के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार अनैच्छिक बेरोजगारी बीमा (Involuntary Loss of Employment – ILOE) स्कीम में लक्षित निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का लगभग 88.38 प्रतिशत हिस्सा अब पंजीकृत है, जो योजना की व्यापक स्वीकार्यता और अनुशासन को दर्शाता है। मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2023 से प्रभावी इस स्कीम के तहत नौकरी छूटने पर पात्र कर्मचारियों को अस्थायी आय सुरक्षा के रूप में नकद सहायता दी गई है, जिससे हज़ारों परिवारों को अचानक आय रुकने की स्थिति में सहारा मिला।

मुआवज़ा और लाभ की रूपरेखा
ILOE स्कीम के तहत पात्र कर्मचारियों को नौकरी जाने की स्थिति में उनके मूल वेतन का 60 प्रतिशत तक मासिक मुआवज़ा दिया जाता है, जो अधिकतम तीन माह तक जारी रह सकता है। स्कीम दो श्रेणियों में बँटी है – पहली श्रेणी में 16,000 दिरहम तक मूल वेतन वालों के लिए मासिक प्रीमियम 5 दिरहम है, जबकि दूसरी श्रेणी में इससे अधिक वेतन वालों के लिए मासिक प्रीमियम 10 दिरहम रखा गया है; दोनों ही मामलों में मुआवज़े पर क्रमशः 10,000 और 20,000 दिरहम प्रतिमाह की ऊपरी सीमा लागू है।
मंत्रालय के डेटा के अनुसार, बेरोजगारी बीमा के साथ-साथ वर्कर प्रोटेक्शन इंश्योरेंस प्रोग्राम के ज़रिए बीते पाँच वर्षों में 32,000 से अधिक श्रमिकों को बकाया वेतन, एंड-ऑफ़-सर्विस और अन्य कानूनी देयों के रूप में कुल 289 मिलियन दिरहम से अधिक की राशि अदा की जा चुकी है, जिसमें प्रति कर्मचारी औसत निपटान 9,000 दिरहम से ऊपर रहा है। यह व्यवस्था निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा जाल तैयार करने के साथ-साथ विवादों के त्वरित निपटान में भी सहायक बनी है।
पात्रता, नियम और दायरा
ILOE स्कीम यूएई के संघीय सरकार और निजी क्षेत्र के अधिकांश कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है, जबकि निवेशक, घरेलू कामगार, अस्थायी अनुबंध वाले कर्मचारी, 18 वर्ष से कम आयु के कामगार और पेंशन ले रहे सेवानिवृत्त कर्मचारियों जैसी श्रेणियाँ इसके दायरे से बाहर हैं। मुआवज़ा पाने के लिए कर्मचारी को कम-से-कम 12 माह तक लगातार प्रीमियम जमा करना, नौकरी किसी अनुशासनात्मक कारण से न छूटना और बेरोजगार होने के 30 दिनों के भीतर आधिकारिक प्लेटफ़ॉर्म या ऐप के ज़रिए दावा दाख़िल करना अनिवार्य है।
नियमों के तहत बीमा लाभ केवल उस अवधि के लिए उपलब्ध हैं जब कर्मचारी न तो नए नियोक्ता से जुड़ा हो और न ही देश छोड़कर गया हो, और कुल मिलाकर कार्यकाल के दौरान अधिकतम 12 माह तक के मुआवज़े की सीमा तय की गई है। मंत्रालय ने गैर-अनुपालन पर जुर्माना व दंड का प्रावधान भी स्पष्ट किया है, ताकि पंजीकरण और प्रीमियम अदायगी को गंभीरता से लिया जाए।
श्रमिकों और अर्थव्यवस्था पर असर
MOHRE का कहना है कि बेरोजगारी बीमा स्कीम श्रमिकों के लिए आर्थिक सुरक्षा का नया स्तंभ बनकर उभरी है, जो उन्हें अचानक नौकरी जाने की स्थिति में नई नौकरी तलाशने तक बुनियादी खर्च चलाने की क्षमता देती है। विशेषज्ञ इसे यूएई के उस व्यापक विज़न का हिस्सा मान रहे हैं, जिसके तहत श्रम बाज़ार को अधिक प्रतिस्पर्धी, संतुलित और अधिकार-सुरक्षा आधारित बनाया जा रहा है, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष प्रतिभाओं को आकर्षित किया जा सके।
मंत्रालय ने ज़ोर देकर कहा है कि ILOE व अन्य सुरक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से निजी क्षेत्र के लगभग पूरे कार्यबल को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे श्रमिकों के अधिकार मज़बूत हों और कंपनियों के लिए स्थिर, भरोसेमंद कार्य वातावरण उपलब्ध हो। प्रवासी समुदाय, विशेषकर भारतीय, फिलीपीनो और अन्य एशियाई श्रमिकों के लिए यह स्कीम अप्रत्याशित बेरोजगारी के दौरान एक महत्वपूर्ण सुरक्षात्मक कवच के रूप में देखी जा रही है।





