भारत और सऊदी अरब के बीच राजनयिक संबंधों में एक ऐतिहासिक और बड़ा कदम उठाया गया है। दोनों देशों ने आधिकारिक तौर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत अब विशिष्ट पासपोर्ट धारकों को छोटी अवधि की यात्राओं (Short-stay) के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होगी।
यह समझौता रियाद में सऊदी विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में हुआ, जो दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों और आपसी विश्वास का प्रतीक है।
क्या है यह नया समझौता?
इस नए समझौते के मुताबिक, भारत और सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक (राजनयिक), स्पेशल (विशेष) और ऑफिशियल (आधिकारिक) पासपोर्ट रखने वाले नागरिक अब बिना वीजा के एक-दूसरे के देश में यात्रा कर सकेंगे।
इस समझौते पर भारत की ओर से राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान और सऊदी अरब की ओर से विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल मामलों के उप मंत्री अब्दुल मजीद अल-स्मारी ने हस्ताक्षर किए।

किसे मिलेगा फायदा?
यह छूट फिलहाल आम पर्यटकों या बिजनेस ट्रैवलर्स के लिए नहीं है। इसका लाभ केवल इन्हें मिलेगा:
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राजनयिक पासपोर्ट (Diplomatic Passports): जो राजनयिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के पास होते हैं।
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विशेष पासपोर्ट (Special Passports): अक्सर उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारियों के लिए जारी किए जाते हैं।
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आधिकारिक पासपोर्ट (Official Passports): जो सरकारी काम से यात्रा करने वाले सिविल सर्वेंट्स (अधिकारियों) को मिलते हैं।
अब इन श्रेणियों के अधिकारियों को वीजा के लिए पहले से आवेदन नहीं करना होगा, जिससे सरकारी कामकाज और द्विपक्षीय बैठकों के लिए यात्राएं तेज और आसान हो जाएंगी।
रिश्तों में आएगी और मजबूती
जानकारों का मानना है कि यह कदम केवल यात्रा को सुगम बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत और सऊदी अरब के बीच बढ़ते रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को दर्शाता है। इससे दोनों देशों के बीच हाई-लेवल मीटिंग्स और सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम करना आसान हो जाएगा।
आम नागरिकों के लिए क्या मायने?
भले ही अभी आम नागरिकों को वीजा छूट नहीं मिली है, लेकिन एक्सपर्ट्स इसे भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत मान रहे हैं। राजनयिक स्तर पर वीजा नियमों में ढील अक्सर भविष्य में छात्रों, पेशेवरों और पर्यटकों के लिए भी आसान वीजा नीतियों का रास्ता खोलती है। यह समझौता दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार और रक्षा सहयोग को और गति देगा।




