लीबिया के लिए एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। तुर्की में हुए एक भीषण प्राइवेट जेट हादसे में लीबियाई सेना के सबसे बड़े अधिकारी यानी टॉप मिलिटरी चीफ और चार अन्य वरिष्ठ अफसरों की मौत हो गई है। यह हादसा तब हुआ जब यह उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अंकारा में एक आधिकारिक दौरा पूरा करने के बाद वापस त्रिपोली लौट रहा था। शुरुआती जांच में हादसे की वजह विमान में आई तकनीकी खराबी मानी जा रही है।
अंकारा से उड़ान भरने के 40 मिनट बाद ही रडार से गायब हो गया था विमान, हायमाना क्षेत्र में मिला मलबा
हादसा मंगलवार रात (स्थानीय समय) को हुआ। फाल्कन-50 (Falcon 50) बिजनेस जेट ने तुर्की की राजधानी अंकारा के एसनबोआ एयरपोर्ट से ट्रिपोली के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद विमान का एटीसी से संपर्क टूट गया। सर्च ऑपरेशन के दौरान विमान का मलबा अंकारा से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में, हायमाना क्षेत्र के केसिककावाक गांव के पास पाया गया। राहत बचाव दल जब मौके पर पहुंचा, तो वहां सिर्फ विमान के अवशेष शेष थे।
हादसे में लीबियाई सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल अल-हद्दाद समेत कुल 8 लोगों की दर्दनाक मौत
इस दुर्घटना में लीबियाई सेना को भारी क्षति पहुंची है। विमान में सवार लीबिया के चीफ ऑफ स्टाफ और टॉप मिलिटरी कमांडर जनरल मोहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद की मौत की पुष्टि कर दी गई है। उनके साथ चार अन्य वरिष्ठ लीबियाई सैन्य अधिकारी भी इस विमान में मौजूद थे, जिनकी जान चली गई है। अधिकारियों के अलावा विमान में तीन क्रू मेंबर्स (चालक दल के सदस्य) भी सवार थे। इस तरह हादसे में विमान में सवार सभी आठ लोगों की मौत हो गई है।
पायलट ने भेजा था इमरजेंसी सिग्नल, शुरुआती जांच में तोड़फोड़ की साजिश से किया गया इनकार
यह प्राइवेट जेट उड़ान भरने के करीब 40 मिनट बाद ही मुसीबत में फंस गया था। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का सिग्नल भेजा और ग्राउंड कंट्रोल को इलेक्ट्रिकल और टेक्निकल फॉल्ट की सूचना दी थी, जिसके तुरंत बाद विमान का रडार और रेडियो से संपर्क टूट गया। तुर्की और लीबिया ने मिलकर क्रैश की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। तुर्की के शुरुआती इनपुट के मुताबिक, फिलहाल किसी भी तरह की तोड़फोड़ या साजिश (सबोटाज) की संभावना को खारिज किया गया है। अभी तक की जांच में हादसे की प्राथमिक वजह तकनीकी खराबी ही मानी जा रही है, हालांकि अंतिम रिपोर्ट पूरी जांच के बाद ही आएगी।
तुर्की के साथ रक्षा और सुरक्षा समझौतों पर अहम बैठक करके लौट रहा था डेलिगेशन, लीबिया में राष्ट्रीय शोक
यह लीबियाई डेलिगेशन एक बेहद अहम मिशन पर तुर्की गया था। वे अंकारा में हाई-लेवल डिफेंस टॉक्स (उच्च स्तरीय रक्षा वार्ता) के लिए गए थे, जहां तुर्की के रक्षा मंत्रालय और सैन्य नेतृत्व के साथ मिलिटरी कोऑपरेशन और रीजनल सिक्योरिटी पर गंभीर चर्चा हुई थी। इस दुखद घटना पर लीबिया के प्रधानमंत्री अब्दुल-हामिद दबीबा ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे “देश, सेना और जनता के लिए बहुत बड़ा नुकसान” बताते हुए श्रद्धांजलि संदेश जारी किया है।




