देश की राजधानी में सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) दक्षिणी दिल्ली में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए विशेष योजना पर काम कर रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल यात्रियों को आरामदायक सफर मुहैया कराना है, बल्कि सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की भीड़ और उससे होने वाले प्रदूषण को भी नियंत्रित करना है। दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो का जाल लगातार बिछता जा रहा है, जिससे यह दुनिया के बेहतरीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम वाले शहरों की कतार में अपनी जगह मजबूत कर रहा है।
दक्षिणी दिल्ली में सफर होगा आसान, जाम और प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति, इंटरचेंज और फीडर बसों की बढ़ेगी संख्या
दक्षिणी दिल्ली में मेट्रो सेवाओं को विस्तार देते हुए नए कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं। ये कॉरिडोर विशेष रूप से ऑफिस जाने वाले लोगों और आम यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर प्लान किए गए हैं। इन नई लाइनों के शुरू होने से उम्मीद की जा रही है कि सड़कों पर निजी कारों और ऑटो की संख्या में भारी गिरावट आएगी। इसका सीधा असर ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण में कमी के रूप में देखने को मिलेगा। प्रशासन का लक्ष्य प्रतिदिन लाखों यात्रियों को सस्ता और तेज सफर उपलब्ध कराना है। इसके लिए केवल नए स्टेशन ही नहीं बनाए जाएंगे, बल्कि इंटरचेंज स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और कनेक्टिविटी को अंतिम छोर तक पहुंचाने के लिए फीडर बसों की व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी।
शंघाई और लंदन जैसे शहरों को टक्कर देने की तैयारी, 400 किलोमीटर के पार पहुंचा दिल्ली-एनसीआर का मेट्रो नेटवर्क
दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क ने लंबाई के मामले में एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। दिल्ली-एनसीआर में अब मेट्रो लाइनों का विस्तार 400 किलोमीटर से भी अधिक हो चुका है। इसमें डीएमआरसी के साथ-साथ रैपिड मेट्रो और अन्य एक्सटेंशन भी शामिल हैं। हालांकि, इस उपलब्धि के बावजूद वैश्विक स्तर पर अभी दिल्ली को लंबा सफर तय करना है। लंबाई के मामले में दिल्ली मेट्रो अभी भी दुनिया के सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क वाले शहरों से पीछे है। शंघाई, बीजिंग, लंदन और टोक्यो जैसे शहरों में मेट्रो नेटवर्क 700 से 800 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जबकि दिल्ली अभी 400 प्लस के आंकड़े पर है। बावजूद इसके, जिस गति से निर्माण कार्य चल रहा है, दिल्ली तेजी से इन वैश्विक शहरों की बराबरी करने की दिशा में बढ़ रहा है।
रोजाना 60 लाख यात्रियों का सफर, गुरुग्राम-फरीदाबाद और एयरपोर्ट बेल्ट के लोगों को मिलेगी सीधी कनेक्टिविटी
मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो हर रोज औसतन 50 से 60 लाख यात्रियों की लाइफलाइन बनी हुई है। नई लाइनों के चालू होने के बाद इस संख्या में और अधिक इजाफा होना तय है। इससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी, जिससे ईंधन की खपत घटेगी और पर्यावरण को लाभ होगा। दक्षिणी दिल्ली में प्रस्तावित इस नई कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा फायदा आईजीआई एयरपोर्ट, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सरिता विहार, तुगलकाबाद और कालिंदी कुंज जैसे इलाकों में रहने वाले और सफर करने वाले लोगों को मिलेगा। इन रूट्स पर इंटरचेंज की सुविधा मिलने से रिंग रोड और महरौली-बदरपुर रोड पर लगने वाले भीषण जाम से भी काफी हद तक राहत मिलने की उम्मीद है।




