देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं भी हुई कि अब तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। इस बीच कोरोना का डेल्टा वैरिएंट नई मुसीबत बनकर आ गया है। कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट से भी खतरनाक बताए जा रहे इस डेल्टा प्लस को लेकर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई राज्यों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
प्रेस कांफ्रेंस में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट दुनिया के 9 देशों में है। भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 16 महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव से हैं। वहीं, इसके अलावा केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा जिले, और मध्य प्रदेश के भोपाल और शिवपुरी जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के हाल के निष्कर्षों के आधार पर महाराष्ट्र, केरल और मध्य प्रदेश को इस वैरिएंट से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में डेल्टा प्लस
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट दुनिया के 80 देशों में है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर को बढ़ाने में इसी वैरिएंट को जिम्मेदार बताया गया। इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में रखा गया है। डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 9 देशों ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, रूस, भारत, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, नेपाल और चीन में मिला है। अभी यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट की श्रेणी में है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर बताया है कि उन्हें कैसे डेल्टा प्लस वैरिएंट को डील करना है।
हम नहीं चाहते हैं कि डेल्टा प्लस वैरिएंट आगे बढ़े
तीसरी लहर आने के सवाल पर डॉ. वीके पॉल ने कहा कि ये कोई नहीं जानता कि वायरस कब अपना रूप बदल ले, ये पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां न तो दूसरी लहर आई और न चौथी लहर आई। अगर हम सावधान रहें तो हो सकता है कि यह कंट्रोल में रहे। हालांकि राहत की बात ये है कि 7 मई के मुकाबले देश में कोरोना के मामलों में 90 फीसद की कमी आई है।