भारत में बेरोजगारी लगातार अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है और पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नए रिकॉर्ड बना रही है. नए आंकड़े के अनुसार भारत में महज 5 साल में 2.1 करोड़ नौकरियां घट गई हैं वही 45 करोड़ को नौकरी नहीं मिलने की वजह से उन लोगों ने नौकरी को और खोजना भारत में बंद कर दिया है.
लगातार अरब देशों में नौकरियों के लिए कार्य करने वाले कंसलटेंट अब लगातार भारतीय कामगारों के रिक्वेस्ट ज्यादा रिसीव कर रहे हैं जिसमें मूल रूप से उन्हें किसी भी सैलरी पर काम करने की दरख्वास्त मिल रही है. भारत में घट रही नौकरियों के स्थिति के वजह से अरब देशों में भारत अपने स्ट्रांग इकोनामी के लिए नहीं बल्कि सस्ते मजदूर के लिए फिर से ज्यादा जा ना जा रहा है.
भारत में टीवी चैनल और मेंस्ट्रीम मीडिया लगातार भारत को सुपर पावर और अन्य तरह-तरह की प्रोग्रेसिव स्थित या दिखाकर लोगों को इंगेज कर रही है वही धरातल पर असल समस्याओं के ऊपर वाद विवाद चैनलों से गायब है.
भारत में बढ़ रही बेरोजगारी और अरब देशों में बढ़ रहे भारतीय प्रवासियों की संख्या सस्ते मजदूर वर्ग की बढ़त भारतीय प्रवासी साख को भी आने वाले समय में असहज कर सकता है.
भारतीय प्रवासी वर्ग अक्सर भारतीय प्रवासियों के दिक्कतों पर समस्याओं का समाधान दूतावास और संबंधित विभागों के द्वारा नहीं होने से पहले से ही परेशान है जिसकी शिकायतें अक्सर सोशल मीडिया इत्यादि पर आते रहते हैं. ऐसी स्थिति में बढ़ रहे 50 मजदूर वर्ग भारतीय दूतावास और उसके सपोर्ट सिस्टम के लिए बी काफी चैलेंजिंग होगा.