अरब में फंसी महिलाएं
संयुक्त अरब अमीरात समेत सभी खाड़ी देशों में भारतीय महिलाएं भी कामगार के तौर पर काम करने के लिए जाती हैं। लेकिन एजेंट की धोखेबाजी और कई कारणों से वहां पर फंस जाती हैं। दुबई के जनहितैषी Dr Surinder Pal Singh Oberoi का इन मामलों में खुलासा चौकाने वाला है। रिपोर्ट यह बताती है कि कई महिलाएं वहां फंसी हुई है। उन्होंने कहा है कि करीब 400 महिलाएं जिसमें 70 पंजाबी हैं वह अलग-अलग कारणों से ओमान और संयुक्त अरब अमीरात में फंस गई हैं।
“I have tangible evidence to prove that of these 400 women, 80 have sought refuge in the Indian Embassy in Muscat. As many as 66 have found shelter in two gurdwaras in the same city. Nearly 250 more such women are living in different cities of the UAE. The passports and other important documents have been taken away by travel agents,” said Oberoi.
पासपोर्ट एजेंटों ने छीन लिए हैं
उन्होंने कहा है कि उन चार सौ में से 80 महिलाओं ने मस्कट के भारतीय दूतावास से मदद ली है। इसके अलावा 16 दूसरी महिलाओं ने मस्कट के गुरुद्वारे में रह रही है। इनमे से 250 महिलाएं UAE के अलग अलग शहरों में हैं। उनके पासपोर्ट एजेंटों ने छीन लिया है।
अमीरों के हाथों बेच दिया जाता है
उन्होंने बताया कि हरियाणा और पंजाब के गावों से महिलाओं को अरब ले जाया जाता है। वहां पर उन्हें काम के बड़े सपने दिखाए जाते हैं। लेकिन उन्हें 14 दिन का विजिटर वीजा पर ले जाने वालों की संख्या अधिक है। जबरन उनका पासपोर्ट छीन लिया जाता है और जब 14 दिन बीत जाता है तो वह अवैध तरीके से रहने को मजबूर हो जाते हैं। इसके बाद उन्हें अमीरों के हाथों बेच दिया जाता है या 18 घंटे काम कराया जाता है।
ऐसी बच्चियों को एयरपोर्ट पर ही पहचान कर यात्रा से रोक देना चाहिए
बताया गया है कि ऐसे में बच्चों को ना तो इंग्लिश बोलने आता है जो कि विदेशों में काफी जरूरी है। इसके अलावा न ही उनके पास अधिक पैसे होते हैं। कभी-कभी उनके पास पहनने के लिए पर्याप्त कपड़े भी नहीं होते हैं। Dr Oberoi ने कहा कि ऐसी बच्चियों को एयरपोर्ट पर ही पहचान कर यात्रा से रोक देना चाहिए।
अपने साथ हुए धोखे को सामने नहीं रखती हैं
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इनमें कई ऐसी महिलाएं भी शामिल होती हैं जो अपने साथ हुए धोखे को सामने नहीं रखती हैं ऐसे में इस तरह की पीड़ित महिलाओं की असली संख्या क्या है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
वह ओमान में भारतीय दूतावास Amit Narang के साथ मिलकर इसपर काम कर रहे हैं। उन्होंने अगस्त में भी पीएम मोदी से भी इस बाबत बात की है।