भारत में इनकम टैक्स से लेकर अन्य प्रकार के सारे टैक्सों को मिला देने से लगभग कमाए हुए पैसे के आधे से ज्यादा हिस्से सरकार के पास दोबारा से पहुंच जाते हैं. आप जो पानी पीते हैं उससे भी सरकार टैक्स वसूलती है और जब आप शौचालय जाते हैं तब भी टैक्स चुकाते हैं.
8 लाख कमाने वाला EWS
भारत में इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन अर्थात EWS जिसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी कहा जाता है का लिमिट सालाना 8 लाख का कमाई है. वहीं भारत में ढाई लाख से ऊपर कमाने वाला हर एक व्यक्ति इनकम टैक्स भरने का भागीदार है.
मद्रास हाई कोर्ट में याचिका डाली गई है कि जब 8 लाख सालाना कमाने वाला व्यक्ति आर्थिक रूप से कमजोर है तो 2.5 लाख रुपए कमाने वाले व्यक्ति पर सरकार टैक्स का बोझ क्यों डाल रही है.
मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने तुरंत सरकार को नोटिस जारी किया है कि वह इस बारे में जानकारी दें और यह बताएं कि 2.5 लाख से ज्यादा रुपए कमाने वाले लोगों के ऊपर टैक्स का बोझ क्यों डाला गया है.
हालांकि EWS जो 8 लाख का लिमिट बताता है वह पूरे परिवार का बताता है लेकिन अब यह संभावना है कि परिवार का मतलब कई जगहों पर एक कमाने वाले इंसान भी होता है.