कप्तान राणातुंगा ने ऐसे बचाया मुथैया मुरलीधरन का कैरियर
unsolved stories of cricket: आज हम आपको क्रिकेट का एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जिसमें एक कप्तान ने अपने कप्तानी से बढ़कर खिलाड़ी के करियर को बचाया। हम बात कर रहे हैं श्रीलंका के पूर्व कप्तान राणातुंगा की जिन्होंने टेस्ट में 800 विकेट लेने वाले मशहूर बॉलर मुथैया मुरलीधरन का कैरियर बचाया था। आप सोच रहे होंगे कि आखिर मुरलीधरन के करियर बचाने में राणातुंगा का क्या हाथ है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुथैया मुरलीधरन का कैरियर काफी स्ट्रगल वाला रहा जहां शुरुआत में उनके बॉलिंग एक्शन पर कहीं क्रिकेट देशों ने बेन की मांग की थी। लेकिन उस समय टीम के कप्तान राणातुंगा ने सभी को गलत साबित करते हुए श्रीलंका और पूरे विश्व को प्रतिभा से भरा हुआ खिलाड़ी दिया । मुरलीधरन की गेंदों को खेलने के लिए मानो बैट्समैन एक कदम पीछे हट जाते थे एक से प्रतिभाशाली गेंदबाज के करियर को खत्म करने के लिए कई देशों ने प्रयास किए थे चलिए आज उनसे जुड़ा एक किस्सा आपसे साझा करते हैं ।
खत्म होने वाला था मुरलीधरन का करियर
ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड ने मुथैया मुरलीधरन के करियर को खत्म करने के लिए काफी प्रयास किए लेकिन राणातुंगा जैसे कप्तान ने आईसीसी के स्तर पर इसकी जांच कराने की मांग की , दरअसल हम बात कर रहे हैं 1995 के एक श्रंखला की जिसमें श्रीलंका टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी । उस समय मुरलीधरन अपने करियर की शुरुआत ही करने वाले थे जहां पहले मैच में उनके बॉलिंग एक्शन को लेकर ऑस्ट्रेलियन एंपायर ने एक के बाद एक No Ball देना शुरू कर दी, प्लेयर्स और श्रीलंकन बोर्ड की बातों को भी ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड ने नजरअंदाज करते हुए मुथैया मुरलीधरन को उस सीरीज में कई मैचों तक बोलिंग नहीं करने दी। ऐसे में मुथैया मुरलीधरन को टीम से बाहर करने के सवाल उठने लगे ।
राणातुंगा ने बचाया करियर
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ने मुरलीधरन को ओवर डालने से साफ मना कर दिया था लेकिन कप्तान राणातुंगा भला किस से डरने वाले थे, उन्होंने अपनी कप्तानी से बढ़कर मुथैया मुरलीधरन के करियर को बचाने पर ध्यान दिया जहां उन्होंने लाख मना करने के बाद भी मुरलीधरन को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया । होना क्या था फिर ऑस्ट्रेलियन एंपायर मुरलीधरन की हर बोल को No Ball उनके एक्शन के चलते घोषित कर देते थे, राणातुंगा यह सारी चीजें मैदान पर खड़े देख रहे थे। सारी हद पार होने के बाद राणातुंगा एंपायर के इन फैसले से नाराज होकर अपनी टीम को ग्राउंड से बाहर लेकर चले गए जिसके बाद मैच को रद्द करने की बातें होने लगी। अंत में फैसला लिया गया कि मुरलीधरन इस मैच में आगे के लिए बोलिंग नहीं करेंगे लेकिन इससे उठकर राणातुंगा ने मुरलीधरन के एक्शन को आईसीसी टेस्टिंग के लिए दरख्वास्त की। जहां आईसीसी की बॉलिंग एक्शन टेस्ट में मुरलीधरन पास हो गए ।