इन दिनों प्रीमियम सेगमेंट की गाड़ियों को सेकेंड हैंड की कीमत में खरीदकर चलाने का ट्रेंड देखने को मिल रहा है। खासकर युवा इस चलन का हिस्सा बन रहे हैं और ड्राइविंग शुरू कर रहे लोग भी ऐसी कारों को वरीयता दे रहे हैं। सेकेंड हैंड कारों की खरीदारी में कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें.
कार की हिस्ट्री
कार खरीदने से पहले उससे जुड़ी सारी हिस्ट्री यानी पहले हुए इस्तेमाल, रिपेयरिंग आदि की जानकारी होनी चाहिए। कई बार सेकेंड हैंड कार में धोखाधड़ी होने का डर होता है। इसलिए नंबर प्लेट के जरिए एक बार पुलिस से जानकारी जरूर प्राप्त कर लें । उस पर हुए चालान के रिकॉर्ड की भी पड़ताल कर लें। साथ ही कार का सर्विस रिकॉर्ड भी देखें इसका सीधा असर गाड़ी के माइलेज पर होता है। इसलिए ऐसी कार खरीदते समय उसकी सर्विस के बारे में जानकर आप आराम से माइलेज का अंदाजा लगा सकेंगे।
इंजन व अन्य पार्ट
कार लेते समय आपको उसके इंजन, गियर बॉक्स, स्टीयरिंग और सस्पेंशन सभी की जांच अच्छे से कर लेनी चाहिए। यदि इन चीजों से किसी भी तरह की आवाज आ रही हो, तो उस कार को खरीदने से पहले एक बार दोबारा सोचें ।
बॉडीडेंट और स्क्रैच
कार की बॉडी पर डेंट्स यानी गड्ढे की पड़ताल जरूर करें । ये डेंट्स गाड़ी के ज्यादा पुरानी या फिर कभी एक्सीडेंट होने की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में आपको कार पर ज्यादा पैसे भी खर्च करने पड़ सकते हैं.
मैकेनिक की सलाह लें
कार खरीदते समय जरूरी है कि उसकी परख रखने वाला या कोई जानकार इंसान आपके साथ हो । आप जिसे भी अपने साथ ले जा रहे हैं, उसके साथ मिलकर पूरी गाड़ी को अच्छी तरह चेक करें। ऐसे में आपको टेक्निकल बातें आराम से समझ में आ जाएंगी। कार के कागजात देखें कार के इंश्योरेंस से लेकर रजिस्ट्रेशन तक सभी कुछ अच्छे से देख कर अच्छे से देख कर डील फाइनल करें। हमेशा मूल दस्तावेज ही मांगें, सॉफ्ट कॉपी नहीं। जरूरी बात यह भी है कि कार की टेस्ट ड्राइव जरूर करें। इससे गाड़ी में आने वाली छोटी बड़ी चीजें पता लग जाती हैं।
भरोसे की डील
इन दिनों सेकेंड हैंड कार मार्केट में आपको नॉन सर्टिफाइड और सर्टिफाइड सेकेंड हैंड वाहन मिलेंगे। नॉन सर्टिफाइड वाहन निजी स्तर पर बेचे जाते हैं, जिनमें जांच और दावों की विश्वसनीयता के लिए कोई प्रमाणन नहीं होता है। जबकि सर्टिफाइड सेकेंड हैंड कारें वे होती हैं, जो डीलर की विभिन्न जांच पड़ताल की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती हैं। हालांकि इनके दाम तुलनात्मक रूप से कुछ ज्यादा हो सकते हैं। ज्योति कुमारी