एक तरफ मध्य प्रदेश को झुग्गी मुक्त प्रदेश बनाने के दावे हो रहे हैं तो दूसरी तरफ शहरों में झुग्गियां लगातार बन रही हैं. सरकारी जमीन देखते ही रातों रात झुग्गियां बन रही हैं. इधर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे मकानों को खरीदने में लोग रूचि नहीं दिखा रहे हैं.
भोपाल। सरकार गरीबों को मुफ्त मकान बना कर दे रही हैं, तो वहीं हाउसिंग फॉर ऑल के लिए पीएम आवास के तहत बनाए जा रहे मकानों के लिए खरीददार नहीं मिल रहें. ये आवास वर्षों पहले से बनकर तैयार हैं, इनकी देख-रेख में अलग से सरकार को राशि खर्च करनी पड़ रही है. सबसे ज्यादा 6 हजार से ज्यादा एलआईजी, एमआईजी आवास इंदौर, भोपाल में बिना बिके हैं.
मकानों को खरीदने में 3 लाख की सब्सिडी: सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ये आवास सीमित आय वर्ग लोगों और आवासहीनों के लिए बनाए हैं. अगर कोई आवासहीन इन आवासों को खरीदता है तो उसे इसमें करीब 3 लाख रुपए की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा सरकार ने आवास खरीदने के लिए हितग्राही को बैंक से लोन दिलाने के लिए प्रावधान किया गया है.
फैक्ट फाइल
शहर – निर्माणधीन आवास – बिके
भोपाल 2500 – 1700
इंदौर 2500 – 2600
ग्वालियर 1800 – 200
जबलपुर 1200 – 160
शहर- आवास की बुकिंग – बिना बिके आवास
भोपाल- 4800 – 6500
इंदौर- 4500- 3000
जबलपुर – 500 – 3500
ग्वालियर – 1400 – जानकारी उपलब्ध नहीं
बढ़ती जा रही प्रोजेक्ट लागत:
बहुमंजिला आवास पिछले 5 से 6 वर्षों से बनाए जा रहे हैं, लेकिन बुकिंग नहीं होने से काम की गति काफी धीमी हो गई है. इन आवासों को बेचने से जो राशि मिलेगी उससे गरीबों के लिए आवास बनाए जाने का प्रावधान है. अब सरकार इन्हें बेच नहीं पा रही जिसके चलते नए मकान बनने में देर हो रही है. आवास नहीं बिकने से इनकी प्रोजेक्ट लागत भी साल दर साल बढ़ती जा रही है. प्रदेश में 19 हजार एलआईजी और एमआईजी फ्लैट बनाए जा रहे हैं, इसमें से सिर्फ आठ हजार आवासों की ही बुकिंग हो पाई है.
प्रदेश में 7 लाख आवास स्वीकृत: प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास के तहत अलग-अलग योजनाओं में पिछले 7 वर्षों के अंदर 7 लाख आवास स्वीकृत किए गए थे. इसमें से 4 लाख 35 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं.
13 हजार एएचपी आवासों की बुकिंग नहीं:
गरीब और कमजोर वर्ग के लिए साझेदारी में किफायती आवास के तहत करीब 300 शहरों में 47 हजार आवास बनाए गए हैं. इनमें से अभी तक 13 हजार आवासों की बुकिंग नहीं हो पाई है. इसमें भी भोपाल, इंदौर जबलपुर निकाय में सबसे ज्यादा आवासों की बुकिंग नहीं हुई है. इन मकानों को बेचने के लिए निकाय गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को योजना का लाभ लेने दिलाने की कोशिश में जुटी है.