अब पहले से रिजर्व किए गए ट्रेन टिकट पर आसानी से नाम बदल सकेंगे। रिजर्व ट्रेन टिकट पर नाम बदलने की जटिल प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए उत्तर रेलवे (एनआर) ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं और कुछ नियमों में ढील दी है। अब उत्तर रेलवे के लगभग हर स्टेशन पर अधिकारियों को आवेदन लेने, आवश्यक दस्तावेजों की जांच करने और यात्रा टिकट पर नाम बदलने के लिए अधिकृत किया गया है।
बता दें कि उत्तर रेलवे के तहत कई महत्वपूर्ण स्टेशन आते हैं जिसमें प्रयागराज संगम जैसे प्रमुख स्टेशन और प्रयागराज में फाफामऊ और फूलपुर जैसे कई छोटे स्टेशन शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि दलाल और बिचौलिए इन छूटों का फायदा न उठा पाएं, इसके लिए कई जगह पर जांच की जाएगी।
संशोधित नीति के तहत अगर कोई यात्री चाहेगा तो रेलवे 24 घंटे के भीतर कन्फर्म टिकट पर नाम बदल देगा। रेल टिकट पर परिवार के सदस्यों के नाम बदलने का विकल्प लंबे समय से उपलब्ध था, लेकिन उत्तर रेलवे द्वारा इस संबंध में जारी पत्र के अनुसार अब कई और छूट दी गई हैं।
रेलवे ने इस संबंध में सरकारी विभागों को लेकर भी विशेष निर्देश जारी किए हैं। चाहे वह पुलिस हो या प्रशासनिक अधिकारी, सरकारी ड्यूटी या सरकारी काम के लिए जाने वाले कर्मचारी, स्कूल या कॉलेज के छात्र या फिर बारात जा रहा कोई सदस्य हो, नए नियमों के अनुसार उनके टिकटों में बदलाव किए जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए अगर टिकट किसी ऐसे पुलिस कर्मी के नाम पर रिजर्व है जिसे प्रशासनिक ड्यूटी के लिए कहीं जाना है। लेकिन स्थिति ऐसी आ जाती है कि वह ड्यूटी पर नहीं जा सकता है और उसकी जगह किसी और को ड्यूटी पर भेजा जाएगा। इस स्थिति में अब टिकट पर नाम बदलने में आसानी होगी। अब उस रिजर्व टिकट को रद्द किए बिना आसानी से नाम बदलवाया जा सकेगा। इसी तरह स्कूल या कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर छात्रों के नाम भी बदले जा सकते हैं।
यही नियम ‘शादी-बारात’ या तीर्थयात्रा पर भी लागू होग।
अगर किसी ने ‘शादी-बारात’ या ‘तीर्थयात्रा’ के लिए थोक में रेलवे टिकट का रिजर्वेशन कराया है और किसी परिस्थिति के कारण कोई शख्स यात्रा में शामिल नहीं हो सकता है, तो टिकट पर उसके नाम को किसी और के नाम से बदला जा सकता है।
उत्तर रेलवे लखनऊ की वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि जिन स्टेशनों पर राजपत्रित अधिकारी नहीं हैं, वहां भी मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (सीआरएस) और प्रभारी आरक्षण पर्यवेक्षक (आरएस) नाम बदलवा सकते हैं। यदि यात्री एक सरकारी कर्मचारी है और उपयुक्त प्राधिकारी (सरकारी दौरों को मंजूरी देने वाला) ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 24 घंटे पहले लिखित में अनुरोध करता है कि सरकारी कर्मचारी के नाम पर किए गए आरक्षण को ड्यूटी पर किसी अन्य सरकारी कर्मचारी को स्थानांतरित कर दिया जाए, तो भी नाम बदला जाएगा।
इसके अलावा, कोई यात्री ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 24 घंटे पहले अपने नाम पर किए गए आरक्षण को परिवार के किसी अन्य सदस्य यानी पिता, माता, भाई, बहन, पुत्र, पुत्री, पति या पत्नी को स्थानांतरित करने के लिए लिखित अनुरोध करता है तो उसका अनुरोध स्वीकार कर लिया जाएगा।