देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकों में से एक एचडीएफसी बैंक ने 5 जून को कोलकाता के अपने एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. एचडीएफसी बैंक के स्टाफ की एक इंटरनल मीटिंग में इस अधिकारी ने अपने सहकर्मियों के साथ बदतमीजी की थी. सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें यह देखा जा सकता है कि एचडीएफसी बैंक का अधिकारी अपने जूनियर कलीग पर चिल्ला रहा है. बैंकिंग और इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स नहीं बेच पाने की वजह से अधिकारी को गुस्सा आ गया और वह अपने जूनियर स्टॉप पर बुरी तरह भड़क गया है.
एचडीएफसी बैंक ने hdfc bank officer abuses के बारे में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए इस मामले की शुरुआती जांच की गई है और संबंधित अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है. इस बारे में विस्तृत जांच की जा रही है और बैंक अपने गाइडलाइंस के हिसाब से अधिकारी के व्यवहार की समीक्षा करने के बाद फैसला करेगा. बैंकिंग कारोबार की दिग्गज कंपनी ने कहा है कि वर्कप्लेस पर किसी भी तरह की गलत हरकत के लिए उसके पास जीरो टोलरेंस पॉलिसी है.
लोगो को ग़लत पालिसी बेची जा रही हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एचडीएफसी बैंक का मैनेजर अपने जूनियर साथी को रोजाना 75 बीमा पॉलिसी बेचने के लिए कह रहा है. पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब ग्रामीण इलाके के 75 साल से अधिक उम्र के बैंक ग्राहकों को गलत जानकारी देकर जीवन बीमा पॉलिसी बेच दी गई है.
बैंक ही नहीं कई प्रॉडक्ट बेचना पड़ता हैं एचडीएफ़सी को।
आमतौर पर बैंक अपनी सहयोगी कंपनियों के बीमा प्रोडक्ट अपने ग्राहकों को बेचकर कमाई करते हैं. पब्लिक सेक्टर बैंक के स्टाफ भी आजकल शीर्ष प्रबंधन से थर्ड पार्टी प्रोडक्ट बेचने के मामले में काफी दबाव का सामना कर रहे हैं. इस तरह का टारगेट मिस करने पर उन पर कार्रवाई की जाती है. अगर कोई स्टाफ इस तरह के प्रोडक्ट बेचने में सफलता हासिल कर लेता है तो उसे कई तरह के पर्क्स दिए जाते हैं.
पिछले महीने ही भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी पीएसयू बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के साथ मीटिंग की थी और उसमें गवर्नेंस एवं एथिक्स के मसले पर चर्चा की थी. वित्तीय प्रोडक्ट की mis-selling के मामले में वित्त मंत्री ने सभी पीएसयू बैंक के मुखिया को सलाह दिया है कि इसके लिए सही तरीका ढूंढा जाए और लोगों को गलत प्रोडक्ट बेचने से बचा जाए.