देश में पहले सपना दिखाया गया कि हर हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति हवाई जहाज में सफर करेगा. लेकिन अब हकीकत यह है कि सूट और बूट के पैसे जुगाड़ चुके लोग भी अब हवाई सफर के टिकट का जुगाड़ नहीं कर पा रहे हैं.
देश में मंत्रियों के बयान आते हैं कि हवाई यात्रा के किराए पर सरकार नियंत्रण चालू कर दिया है लेकिन या नियंत्रण कभी जमीन पर दिखता नहीं है. रात के अंधेरे में भूत के जैसा यह तस्वीर आता है और टीवी चैनलों पर बिजली की तरह गिरता है तथा खबरों में बाढ़ की तरह बह रहा होता है.
लेकिन इन सबके बीच में केवल तबाही होती है तो वह आम जनता की होती है जिसे बढ़े हुए किराए का बाड़ झेलना होता है. बहुत जरूरी पड़ने पर टिकट ना मिलने की स्थिति में खेत बेचकर हवाई सफर करना पड़ता है. और रहा सहा कसर अब एयरपोर्ट के निजीकरण के द्वारा पूरा किया जाना शुरू कर दिया गया है.
लखनऊ नगर निगम हवाई यात्रियों और उड़ानों पर कर वसूलेगा। सोमवार को कार्यकारिणी समिति ने तय किया है कि चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हर उड़ान पर 3,000 रुपये और प्रति यात्री 100 रुपये कर वसूले जाएंगे। इस पर कार्यकारिणी के सभी 12 सदस्यों ने सहमति दी है। अब इसे नगर निगम सदन में मंजूरी के लिए रखा जाएगा और फिर इसकी नियमावली बनाने के लिए शासन को भेजा जाएगा।
इससे पहले 27 जून, 2018 को भी ऐसा ही निर्णय नगर निगम ने लिया था, लेकिन शासन से हरी झंडी न मिलने और सदन के निर्णय की छह माह की वैधता अवधि खत्म होने से यह नियमावली नहीं बन सकी। ऐसा संभवतः पहली बार है कि नगर निगम हवाई यात्रियों से और उड़ानों पर कर वसूलेगा।
अड़ानी के लखनऊ एयरपोर्ट पर इस नियम से वसूलेंगे कर :
यह कर उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 (ग) के तहत वसूला जाएगा। अधिनियम में हेलीपैड, हवाई अड्डे और हवाई पट्टियों पर कर लगाए जाने का प्रविधान है। इसका भुगतान विमान पत्तन प्राधिकरण अथवा इनका रखरखाव व प्रबंधन करने वाली एजेंसियां करती हैं। लखनऊ के हवाई अड्डे का संचालन निजी संस्था ( अदाणी ग्रुप) कर रहा है।
18 लाख रुपये रोज़ कमाएगा लखनऊ
केंद्र व प्रदेश सरकार की मंशा रही है कि आय के नए साधन उत्पन्न कर नगर निकायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर किया जाए। चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से हर दिन 150 विमान उड़ान भरते हैं। इस हिसाब से हर दिन नगर निगम को साढ़े चार लाख रुपये की आय होगी। हर दिन 18 हजार लोग यात्रा करते हैं। इनसे भी 18 लाख रुपये की प्रति दिन की आय होगी। हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बताया कि अभी उनको नगर निगम की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। प्रस्ताव मिलने पर इसे एयरपोर्ट इकोनमिक रेगुलेटरी अथारिटी को भेजा जाएगा। अथारिटी की अनुमति के बाद ही लागू होगा।