अगर सड़क पर गाड़ी लेकर निकल रहे हैं और प्रदूषण सर्टिफिकेट भी बनवा रखे हैं फिर भी आपको 10000 का न्यूनतम चालान और साथ में 420 करने का एफ आई आर दर्ज हो सकता है. देशभर में अलग-अलग बड़े-बड़े शहरों में बढ़ रहे प्रदूषण के बीच इस बार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और परिवहन विभाग सख्त हो गया है.
प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं रहने पर लगता है ₹10000 का चालान.
इस बात की जानकारी तो आपको जरूर होगी कि भारत में लागू हो चुके नए मोटर अधिनियम में प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं रखने के उपरांत आपके गाड़ी के ऊपर ₹10000 का जुर्माना लगता है. PUC अलग अलग गाड़ियों के लिए निश्चित अंतराल पर जारी किए जाते हैं और उसे जांच करवा कर हासिल करना वाहन मालिक का उत्तरदायित्व है.
नया नियम समझिए फिर समझ में आएगा नया चालान.
अब नए नियम के तहत प्रदूषण सर्टिफिकेट होने के उपरांत भी अगर चेकिंग के दौरान चेकिंग कर रहे अधिकारी को यह लगता है कि आपकी गाड़ी से प्रदूषण ज्यादा निकल रहा है तो वह मोबाइल प्रदूषण चेकिंग वाहन का सहयोग लेकर आपके गाड़ी का सपोर्ट प्रदूषण चेक कर सकता है.
ऐसी स्थिति में अगर आपका वाहन पकड़ा जाता है तो आपको ₹10000 का जुर्माना और फर्जी तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवाने के नाम पर चालान के साथ-साथ f.i.r. भी हो सकता है.
कई जगहों पर ऐसी बात सामने आई है कि लोग अपने अनफिट गाड़ियों को प्रदूषण जांच केंद्रों के पास दोगुने पैसे देकर फर्जी तरीके से प्रदूषण सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं जिसके वजह से शहरों में जारी किए जा चुके मानक के विपरीत गाड़ियां दौड़ रही हैं और प्रदूषण बढ़ रहे हैं.