HDFC Bank Merger के बाद अब एक और बड़े बैंक के विलय को मंजूरी मिल गई है. नए बैंक विलय में IDFC First Bank और IDFC LTD एक होंगे. एचडीएफसी बैंक के विलय के बाद भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों में जगह बना चुकी है. ठीक उसी पैटर्न पर अब आईडीएफसी लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक विलय होने के उपरांत केवल आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के यूनिट के तौर पर जानी जाएगी.
खत्म हो गया एचडीएफसी लिमिटेड का नामोनिशान.
विलय के उपरांत एचडीएफसी लिमिटेड को खत्म कर दिया गया है और उसके सारे क्रियाकलाप को एचडीएफसी बैंक के भीतर मर्ज कर दिए गए हैं. एचडीएफसी लिमिटेड लोन और मोरगेज जैसे क्रियाकलाप को अंजाम देता था वह सारा कार्यक्रम एचडीएफसी बैंक के भीतर ही होगा.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक आईडीएफसी लिमिटेड होंगे एक.
7% सेविंग अकाउंट पर ब्याज देने वाली या बड़ी बैंक ग्राहकों के बीच काफी प्रचलित है. कैपिटल फर्स्ट और आईडीएफसी के विलय के बाद आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का निर्माण हुआ था.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के बोर्ड ने सोमवार को इस महा विलय को मंजूरी दिया है. इस जिले में पूरे तरीके से शेयर का स्थानांतरण होगा और बोर्ड इस विलय प्रक्रिया को 2023 में ही पूरा करेगा. एचडीएफसी बैंक के विलय के उपरांत वित्तीय क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा विलय होगा.
शेयर बाजार से खत्म किया जाएगा लिस्टिंग और बदले में मिलेगा कुछ इस प्रकार के शेयर.
शेयर बाजार को दी गई जानकारी के अनुसार इस विलय के बाद आईडीएफसी लिमिटेड में 100 शेयर रखने वाले शेयरधारकों को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 155 शेयर मिलेंगे. मौजूदा समय में दोनों कंपनियों के शेयर के फेस वैल्यू ₹10 हैं.
ग्राहकों पर क्या पड़ेगा असर.
सीधे तौर पर ग्राहक किसी भी प्रकार से इस विलय के उपरांत प्रभावित नहीं होंगे. शेयर धारक बताए गए शेयर हस्तांतरण में शामिल होंगे और शेयर बाजार से Delist होने से पहले उन्हें आईडीएफसी लिमिटेड के 100 शेयर के बदले 155 आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के शेयर मिलेंगे.
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक बाजार पूंजीकरण में और बड़ा होगा और या परोक्ष रूप से बैंक में अकाउंट रखे ग्राहकों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करेगा. कंपनी का बाजार पूंजीकरण अगर और बड़ा होता है तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के तरफ से इस बैंक को भी to big to fall के श्रेणी में लाया जा सकता है. मौजूदा समय में HDFC, ICICI, SBI इस श्रेणी में है और यह भारत के सबसे सुरक्षित बैंक माने जाते हैं.